इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में लाल खून का कारोबार करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को रविवार को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने बताया कि बेली अस्पताल के सामने स्थित ब्लड बैंक के सचिव त्रिभुवन सिंह ने शनिवार को कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा खून की आवश्यकता वाले जरूरतमंद लोगों से मोटी रकम लेकर खून मुहैया कराते हैं। ब्लड बैंक कर्मचारियों द्वारा मना करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं।
तिवारी ने बताया कि एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने ऊंचवागढी ब्लड बैंक के नीचे ढलान से सरगना समेत गिरोह के सात सदस्यों को दोपहर में गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में छात्र समेत क्लीनिक चलाने वाले लोग शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अाराेपियों में खून का अवैध कारोबार करने वाला कुशीनगर निवासी सरगना अभय पाण्डेय, यासिर अंसारी, जैनिद अण्डूरी (छात्र), मोहम्मद सिद्दिकी (क्लीनिक संचालक), सुधाकर सिंह, गोपाल अवस्थी और राकेश सोनकर को गिरफ्तार किया।
तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार सभी लोग ब्लड डोनेट के सम्बध में और जरूरतमंद को ब्लड उपलब्ध कराने के सरगना से बात करते थे। उन्होंने बताया कि जिस जरूरतमंद के पास ब्लड डोनर नहीं होता था सरगना अभय उससे 10 से 15 हजार रूपए लेकर डोनर से ब्लड उपलब्ध करवाता था। ब्लड डोनेट करने वाले को एक से दो हजार रूपए दिया जाता था शेष रकम वह अपनी जेब में रख लेता था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यासिर अंसारी, जैनिद अण्डूरी ब्लड डोनेट करने वालों की व्यवस्था करते थे। डोनर उपलब्ध कराने के बदले उन्हें दो हजार रूपए मिलते थे। मोहम्मद सिद्दीकी माण्डा में एक क्लीनिक अस्पताल चलाता है। वह जिले में अन्य अस्पतालों को ब्लड की आवयकता होने पर सरगना अभय के माध्यम से ब्लड उपलब्ध करवाता था।
अभय से वह प्रति यूनिट पांच हजार रूपए में ब्लड खरीदता था और 15 से 20 हजार रूपये में अस्पताल में उपलब्ध करवाता था। सुधाकर सिंह, गोपाल अवस्थी और राकेश सोनकर अभय के कहने पर ब्ल्ड डोनेट करते थे।
ब्ल्ड डोनेट करने वाले अन्य लोगों को भी अभय से मिलवाते थे। इसके लिए इन्हें तीन हजार रूपए मिलते थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार लोगों कें खिलाफ धारा 419, 420 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।