लखनऊ। लॉकडाउन के उल्लघंन और प्रवासी श्रमिकों के लिए बसों की सूची में हेर फेर करने के आरोप में पिछली 21 मई को आगरा में गिरफ्तार हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत याचिका मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंजूर कर ली है।
न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में न्यायाधीश एआर मसूदी ने लल्लू की जमानत मंजूर करते हुये उन्हे रिहा करने के निर्देश दिए। प्रदेश अध्यक्ष करीब 25 दिन बाद लखनऊ की गोसाईगंज जेल से रिहा होंगे।
लल्लू को आगरा पुलिस ने लाकडाउन के उल्लघंन के आरोप में गिरफ्तार किया था। आगरा में निजी मुचलके पर रिहा हुये लल्लू को अदालत से बाहर निकलते ही लखनऊ पुलिस ने बसों की सूची में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था और बाद में उन्हे लखनऊ जेल में निरूद्ध कर दिया गया था।
प्रदेश अध्यक्ष ने एमपी-एमएलए विशेष अदालत में जमानत अर्जी दायर की थी जिसे एक जून को खारिज कर दिया गया था। बाद में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे जमानत याचिका दाखिल की। कांग्रेस नेता की दलील है कि बस सूची विवाद में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्हेंं राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी को कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक करार देते हुए जल सत्याग्रह और सेवा मुहिम समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा,पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी,प्रमोद तिवारी और पार्टी की प्रदेश इकाई के कई नेता लल्लू के समर्थन में लगभग हर रोज बयान देते रहे।