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हाथरस प्रकरण में पीडितो की याचिका पर निर्णय सुरक्षित - Sabguru News
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हाथरस प्रकरण में पीडितो की याचिका पर निर्णय सुरक्षित

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हाथरस प्रकरण में पीडितो की याचिका पर निर्णय सुरक्षित
Allahabad High Court verdict secured on the petition of victims in Hathras case
Allahabad High Court verdict secured on the petition of victims in Hathras case
Allahabad High Court verdict secured on the petition of victims in Hathras case

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि ह‌ाथरस की घटना के पीड़ित परिवार को स्वतंत्रता पूर्वक कहीं भी आने-जाने की अनुमति देने या लोगों से ‌मिलने जुलने की छूट देने को लेकर दाखिल याचिका पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

पीड़ित परिवार की ओर से उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करने वाले सुरेंद्र कुमार का दावा है कि प्रशासन ने परिवार को अवैध रूप से निरुद्द कर रखा है। उनको अपनी मर्जी से कहीं आने जाने या किसी से मिलने की अनुमति नहीं है।

याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने याची द्वारा की गई शिकायत पर लंच के बाद राज्य सरकार के वकील को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। याची पक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए अधिवक्ता महमूद प्राचा तथा न्यायालय के समक्ष उपस्थित अधिवक्ता ‌कासिफ अब्बास रिजवी और जॉन अब्बास का कहना था कि प्रशासन पी‌ड़ित परिवार को अपनी मर्जी से कहीं आने जाने नहीं दे रहा है। उनको अपनी मर्जी से किसी से मिलने या बात भी नहीं करने दी जा रही है। प्रशासन ने परिवार के सदस्यों की निजी स्वतंत्रता का हनन किया है।

वकीलों की मांग थी कि परिवार के सदस्यों को उनकी मर्जी से लोगों से मिलने और दिल्ली जाने की छूट दी जाए जबकि प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की। उनका कहना था कि पीड़ित परिवार का कोई सदस्य अदालत में नहीं आया है। जिस व्यक्ति ने याचिका दाखिल की है उसे कोई अधिकार नहीं है। वाट्सएप मैसेज के आधार पर याचिका दाखिल की गई है। याचिका में किसी का वकालतनामा तक नहीं लगा है।

अपर महाधिवक्ता का कहना था कि पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा दी गई है। परिवार के हर व्यक्ति को दो गनर दिए गए हैं। घर पर आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। प‌रिवार के लोग मीडिया और परिचितों से बिना रोक टोक मिल रहे हैं। परिवार के किसी भी सदस्य ने नहीं कहा है कि उनको इस सबसे कोई परेशानी है।

वही दूसरी ओर हाथरस कांड को लेकर दाखिल एक अन्य जनहित याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने याचिका में उठाए गए मुद्दों पर राज्य सरकार को जरूरी जानकारी लेकर न्यायालय को अवगत कराने को कहा है तथा याचिका पर सुनवाई के लिए 19 अक्तूबर को पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका लखनऊ खंडपीठ में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्ता मंजूषा भारतीय ने दाखिल की है।

याचिका में घटना की सीबीआई जांच कराने, पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा देने की मांग की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका में उठाए गए अधिकतर मुद्दों पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो चुकी है और प्रदेश सरकार अपना जवाब दाखिल कर चुकी है। चूंकि मामले की सुनवाई सर्वोच्च अदालत में चल रही है इसलिए याचिका खारिज की जाए।

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने इस मांग को नामंजूर करते हुए अगली सुनवाई तक याचिका के सभी बिंदुओं पर जरूरी जानकारी लेकर न्यायालय को अवगत कराने को कहा है।