नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राफेल सौदे की जांच रोकने के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग का दुरूपयोग किया तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटाया।
पार्टी का कहना है कि जांच एजेन्सी के निदेशक का चयन करने वाली समिति को वर्मा को पद से हटाने से पहले अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए था।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चयन समिति ने वर्मा को जांच एजेन्सी के अधिकारी राकेश अस्थाना के आरोपों पर हटाया है। यह विडंबना है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्थाना की उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है और सरकार ने अस्थाना के आरोपों पर वर्मा को पद से हटा दिया।
पार्टी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया है जिसमें अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच जारी रखने की मंजूरी दी गई है।
सिंघवी ने कहा कि यह भी रोचक है कि वर्मा को सीवीसी की रिपोर्ट पर हटाया गया लेकिन सीवीसी न तो सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करता है और न ही उसे हटा सकता है। सरकार ने सीवीसी के पद का दुरूपयोग किया है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने यह सब अपने आप को राफेल सौदे की जांच में बचाने के लिए किया है।