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अलवर : बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंकों में रही हड़ताल - Sabguru News
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अलवर : बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंकों में रही हड़ताल

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अलवर : बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंकों में रही हड़ताल

अलवर। राजस्थान के अलवर में सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर आज गुरूवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हडताल रही।

इस दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के क्षेत्रीय कार्यालय, सुभाष नगर के सामने सभा कर प्रदर्शन किया गया। यूएफबीयू के संयोजक सौरभ शर्मा ने कहा कि 1955 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को सार्वजनिक क्षेत्र के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रूप में परिवर्तित किया गया था।

आज सरकार बैंकों का राष्ट्रीयकृत स्वरूप हटाकर निजीकरण करना चाहती है। जो न तो देश के हित में है और न ही बैंक कर्मचारियों के हित में है। बैंक कर्मचारी इस कदम का पुरजोर विरोध करते है। सरकार निजी स्वार्थों मे लिप्त होकर इन बैंकों को उन्हीं बडे घरानों को सौंपना चाहती है जिन्होनें बैंकों का अरबों रूपया दबा रखा है।

शर्मा ने कहा कि वर्ष 1969 में निजी क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण करते समय शाखाओं की संख्या 8000 थी जो आज 1,18,000 है, वहीं इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास 1969 में 5000 करोड रुपए की जमा राशि थी जो आज 157 लाख करोड रुपए हो चुकी है। इसी प्रकार 1969 में बैंकों द्वारा दिए गए ऋण की राशि 3500 करोड रुपए थी जो आज 110 लाख करोड रुपए हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आमजन के हित में देश के कोने-कोने में बैंक सुविधाओं का विस्तार किया है, जो सस्ते मूल्य और आसान शर्तों पर दी गई हैं। यही नहीं सरकारी हस्तक्षेप से इन बैंको की गाढी कमाई से पिछले 7-8 वर्षो से हर साल कॉर्पोरेट पूंजीपतियों का एक से डेढ लाख करोड रुपए का ऋण माफ किया जाता रहा है।

इसके बावजूद बैंकों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट जो 2009-10 में 76000 हजार करोड रुपए था, 2020-21 में वो 197000 लाख करोड रुपए हो गया है। सरकारी बैंकों के सामने एकमात्र समस्या खराब ऋणो की है जो अधिकांश कॉरपोरेट और अमीर उदयोगपतियों द्वारा लिए जाते हैं। सरकार उन पर कार्यवाही करने के बजाए बैंकों का निजीकरण करना चाहती है।

इस अवसर पर अन्य वक्‍ताओं ने कहा कि ऐसे में इन बैंकों का निजीकरण करना बडे पूँजीपतियों को औने-पौने दामों में जमे-जमाए बैंकिंग क्षेत्र को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है जो आमजन के लिए बैकिंग सुविधाओं को बहुत अधिक महंगा साबित करने वाला सिद्द होगा।

इससे रोजगार के साधनों पर भी विपरीत प्रमाव पडेगा और बैंक कर्मियों की सेवा-शर्ते भी प्रभावित होंगी। ऐसी जन विरोधी नीति का सभी बैंककर्मी हर संभव आंदोलन के द्वारा विरोध करते हैं। शर्मा ने बताया कि हडताल के अगले चरण में शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे एसबीआई की आर्य नगर शाखा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा।