कुशीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में बलात्कार की एक घटना के बाद कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर बहुजन समाज पार्टी की कड़ी आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि वह बेटियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
माेदी ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से यहां आयोजित विजय संकल्प सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान के अलवर में बलात्कार की घटना के बाद बसपा प्रमुख मायावती को कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की बेटियां बहनजी से पूछ रही हैं कि बलात्कार का बचाव करने वाली पार्टी से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बहुमत की नहीं है और वह बसपा के सहयोग से चल रही है। बसपा को राजस्थान के राज्यपाल को सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए पत्र लिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बालात्कार के दोषियों के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान किया है लेकिन राजस्थान सरकार अलवर में एक दलित की बेटी के साथ हुई इस घटना को छिपाने का प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय के नाम पर चिखने वाले लोगों ने बलात्कार की इस घटना के बाद मुंह पर ताला लगा रखा है। कांग्रेस की नियत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की महामिलावटी पार्टी कैसे काम करती है इसका उदाहरण अलवर की घटना है।
मोदी ने कहा कि वह लम्बे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री और पांच साल तक प्रधानमंत्री रहे हैं लेकिन उन्होंने या उनके परिवार ने सत्ता दुरुपयोग नहीं किया है। गरीबी का दर्द सहने के बाद उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिला है। जनता ने उन्हें प्रतिष्ठा और सम्मान दिया है। उन्होंने गरीबी को परिवार की अमीरी में नहीं बदला है। देश में गरीबी कम करने के लिए उन्होंने ईमानदारी से काम किया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के मारे जाने से विपक्ष परेशान हैं और सवाल उठा रहा है कि मतदान चल रहा है तो आतंकवादी कैसे मारे जा रहे है । उन्होंने सवाल किया कि क्या आतंकवादी बम बारुद लेकर खड़ा है तो सुरक्षाकर्मी उसके सफाए के लिए चुनाव आयोग से इजाजत लेंगे। जम्मू कश्मीर में दो तीन दिनों पर सफाई अभियान चलता रहता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को आतंकवादियों के घर में घुसकर मारना पसंद है इसलिए लोग भाजपा से उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी की जाति पर सवाल उठाने वालों को समझना चाहिए कि उनकी जाति गरीब की है।