अलवर। राजस्थान में किशोर न्याय बोर्ड अलवर की खण्डपीठ ने शुक्रवार को इन्दु अग्रवाल हत्याकांड में एक नाबालिग आरोपी को बरी करते हुए इस मामले की नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए हैं।
खण्डपीठ ने आरोपी को पुलिस संरक्षण में उसके झारखण्ड स्थित गांव में सुरक्षित पहुंचाया जाए तथा जिस घर में वह काम करता था उस घर के मालिक द्वारा उसे अभी तक का वेतन दिए जाने के आदेश भी दिए।
खण्डपीठ ने इस मामले में पुलिस की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले के निर्णय की प्रति राजस्थान पुलिस के महानिदेशक को भी भेजी जाएगी।
अलवर के पूर्व विधायक तथा वामपंथी नेता रहे रामानन्द अग्रवाल की पुत्रवधू इन्दू अग्रवाल पत्नी अशोक अग्रवाल की 28 सितम्बर 2015 को संदिग्ध परिस्थतियोंं में मौत हो गई थी।
इस मामले में 29 सितम्बर को अशोक अग्रवाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने नाबालिग घरेलू नौकर पर हत्या करने एवं हत्या से पहले दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद घरेलू नौकर को निरुद्ध कर लिया गया।
किशोर न्यायालय में जब ये मामला गया तो न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर गहराई से अध्य्यन कराया तथा न्याय मित्र के माध्यम से इस घटनाक्रम के बारे में विस्तार से आरोपी से अलग पूछताछ करने पर आरोपी ने सारी दास्तान बताते हुए रहस्योद्घाटन किया कि उसने पुलिस की पिटाई के कारण इस जुर्म को कबूल किया था। इस पर न्यायालय ने इस मामले की नए सिरे से जांच के आदेश दिए।
इस मामले में पैरवी कर रहे न्यायमित्र आदर्श किशोर यादव ने बताया कि इस मामले में नया मोड़ उस समय आ गया जब एफएसएल की रिपोर्ट में मृतका के साथ दुष्कर्म होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। न्यायालय ने पाया कि इस मामले में घरेलू नौकर की कहीं भी लिप्तता नहीं है।