अलवर। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अलवर जिले में गौ तस्करी के शक में भीड़ के मारपीट करने से रकबर की मौत मामले में मंगलवार को न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
कटारिया जिले के रामगढ़ स्थित ललावंडी गांव में घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया। प्रथम दृष्टया पुलिस की लापरवाही मानते हुए उन्होंने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने वहां उस जगह को देखा जहां वारदात घटित हुई और अधिकारियों से जानकारी ली कि किस तरह रकबर को पकड़ा था और किस तरह गाड़ी में बैठाकर ले गए थे। उन्होंने घटनास्थल से रवाना होने के बाद रामगढ़ थाने का दौरा किया और सीधे सर्किट हाउस पहुंचे सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस हिरासत में गौ तस्करी के आरोपी रकबर उर्फ अकबर की मौत हुई है।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि जो तीन घंटे का समय था उसमें स्थानीय पुलिस की लापरवाही रही है और यहां के उपस्थित पुलिसकर्मियों को पहली प्राथमिकता घायल को अस्पताल में पहुंचाने की होनी चाहिए लेकिन पुलिसकर्मियों ने पहले गायों को गौशाला भिजवाया। उसके बाद उस घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच के लिए अलवर पुलिस ने एक पत्र लिखा है और इसकी न्यायिक जांच एसीजेएम स्तर पर न्यायिक अधिकारी से कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर पीड़ित परिवार को करीब सवा लाख रुपए की सहायता दी जाएगी और जिला स्तर पर विधिक सहायता समिति द्वारा जो भी अनुशंसा होगी, राज सरकार उसके आधार पर सहायता उपलब्ध करायेगी। साथ ही मानवाधिकार आयोग द्वारा भी जो सरकार से अनुशंसा की जायेगी वह पीडि़त परिवार को उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के परिजन भी उनसे मिले हैं और पुलिस की कार्रवाई से संतुष्टि जाहिर की है। पुलिस हिरासत में मौत पर सारा थाना लाइन हाजिर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत भले ही हुई और लेकिन उसके साथ पुलिस द्वारा मारपीट नहीं की गई और उन्होंने कहा कि वह स्वयं स्वीकार कर रहे है कि पुलिस की गलती रही है, पहले घायल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि मामले में 23 जुलाई को उच्च स्तरीय कमेटी को भेजा गया था उनकी भी जो भी जांच आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए गत सोमवार को पुलिस की जांच टीम ने चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में गौ तस्करी की घटनाओं में कमी आई है। मेवात में खोली गर्ई गौ रक्षक चौकियां अपने सही तरीके से काम कर रही है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि अब कच्चे रास्तों से गौ तस्करी होती है और जो भी कानून तोड़ेगा उसे सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने पुलिस द्वारा पिटाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसने भी मारा है जांच में सामने आ जाएगा और इसमें डरने वाली किसी भी तरह की बात नहीं है, अगर पुलिस दोषी होगी तो पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के परिजन गृहमंत्री से मिले और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आर्थिक सहायता और आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की। इस पर कटारिया ने आश्वासन दिया कि नियमानुसार सहायता उपलब्ध होगी वह कराई जाएगी और किसी भी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा।
इस अवसर पर ललावंडी गांव के लोगों ने भी निष्पक्ष जांच करने की मांग की। सर्किट हाउस में मेव समाज के प्रतिनिधि गृह मंत्री से मिले और इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।