अलवर। राजस्थान के अलवर में नगर परिषद में कांग्रेस द्वारा सभापति अशोक खन्ना के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को गिर गया।
चालीस पार्षदों के दावा करने वाले कांग्रेस के प्रतिपक्ष के नेता नरेन्द्र मीणा ही इस बैठक में नहीं आए। बैठक में कांग्रेस के तीन पार्षद मुकेश सैनी, निरंजन सैनी एवं कपिलराज शर्मा तथा दो निर्दलीय पार्षद उपस्थित हुए।
पचास सदस्यीय नगर परिषद में एक सांसद एवं एक विधायक वोट था। बैठक पूर्वाह्न ग्यारह बजे शुरू हुई और बारह बजे तक कोरम पूरा नहीं होने पर एडीएम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया।
परिषद में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने गत तीस दिसम्बर को अविश्वास का प्रस्ताव रखा था। इसमें सांसद और विधायक के वोट सहित कुल 52 में से प्रस्ताव पास कराने के लिए 39 वोटों की जरुरत थी। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के 23 पार्षद है और कांग्रेस के 11 तथा 16 निर्दलीय पार्षद हैं।
प्रस्ताव गिर जाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले पार्षद मुकेश सैनी ने कहा कि पार्टी नेताओं से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सारी जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष की थी और एक दिन पहले गुरुवार की रात तक सभी पार्षद एकजुट थे लेकिन एक रात में क्या पासा पलट गया।
उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मीणा सभापति और उपसभापति के कार्य से संतुष्ट थे तो अविश्वास प्रस्ताव लाने की पहली क्यों की गई। उन्होंने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर सोलह निर्दलीय, दस कांग्रेस और चौदह भाजपा पार्षदों ने हस्ताक्षर किए थे, इसके बावजूद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।