जयपुर। राजस्थान के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नेशनल गीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दाखिल कर आगामी 7 अप्रेल से शुरू हो रहे क्रिकेट के महाकुंभ आईपीएल में पानी की बर्बादी को रोकने की मांग की है।
अलवर के सामाजिक कार्यकर्ता हैदर अली ने अपनी याचिका में कहा कि देश में जल संकट होने के बावजूद आईपीएल के नाम पर लाखों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है। याचिका में बताया गया है कि एक मैच के लिए पिच तैयार करने और स्टेडियम में घास और अन्य संसाधनों पर करीब 60 लाख लीटर पानी का उपयोग किया जाता है, जबकि देशभर में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
पानी की बर्बादी को आधार बनाते हुए हैदर अली ने बताया कि आईपीएल खेलों के लिए बड़े शहरों में पानी उपलब्ध हो जाता है, जबकि आम जनता पानी के लिए तरसती रहती है। याचिका में आग्रह किया गया है कि देश में गिरते भूजल स्तर को देखते इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
याचिका में बीसीसीआई, आईपीएल, जल संसाधन सचिव सहित पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, नई दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है।
याचिकाकर्ता हैदर अली ने बताया कि इस मामले को लेकर वह फरवरी में मुंबई स्थित बीसीसीआई कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे। उस समय अधिकारियों ने सात दिन में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नौ मार्च को दायर की गई इस याचिका पर एनजीटी ने जल्द इसकी सुनवाई का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा महाराष्ट्र में पानी की किल्लत को देखते हुए आईपीएल मैच महाराष्ट्र से बाहर कराने के आदेश दिए गए थे।