अजमेर/श्रीनगर। सेना ने शनिवार को कहा कि वह बादल फटने से घायल अमरनाथ यात्रियों के लिए बचाव अभियान लगातार चला रही है। पवित्र गुफा के पास शुक्रवार को अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई और कम से कम 15 यात्रियों की मौत हो गई और 63 अन्य घायल हो गए।
अजमेर के अमरनाथ यात्री सकुशल लौटे
अजमेर से सपरिवार अमरनाथ यात्रा पर गए पत्रकार सन्तोष खाचरियावास ने बताया कि उन्होंने 3 जुलाई की शाम बाबा बर्फानी के दर्शन किए और उसी रात गुफा के नीचे टेंट में विश्राम किया। इसके बाद 4 जुलाई को बालटाल उतरे और 5 जुलाई की सुबह 5 बजे श्रीनगर के लिए रवाना हो रहे थे, तभी खबर आई कि ऊपर तेज बारिश के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई है। यात्रा 5 और 6 को बाधित रही। इसके अगले दिन 7 जुलाई को यात्रा शुरू हुई कि 8 को यह आपदा टूट पड़ी।
खाचरियावास ने बताया कि जब बादल फटा तब वे ट्रेन से जम्मू से अजमेर लौटने के लिए स्टेशन पर पहुंच चुके थे। यह बाबा का ही आशीर्वाद रहा कि उनकी यात्रा सकुशल सम्पन्न हुई। पहलगाम से चढ़कर बालटाल होकर उतरे लेकिन एक बार भी दिन में बारिश नहीं हुई।
शेषनाग और बालटाल में रात बिताते समय हल्की बारिश के अलावा कोई समस्या नहीं हुई। पूरे यात्रा मार्ग में तेज गर्मी, धूल मिट्टी, ठंडी हवाओं और सनबर्न से भले ही जूझना पड़ा लेकिन भोलेनाथ के आशीर्वाद से कोई अनहोनी नहीं हुई। उन्होंने शेष यात्रियों की पवित्र यात्रा कुशल मंगल सम्पन्न होने की प्रार्थना की है।
इसी तरह 2 जुलाई को बालटाल के रास्ते अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए अजमेर के श्रद्धालू सकुशल लौट आए हैं।अजमेर निवासी राजेश माथुर पुत्र महेश नारायण, राजेंदर सिंह पुत्र इंदरसिंह, प्रकाश शर्मा पुत्र नानकचंद शर्मा, विकास जैन पुत्र धर्मचंद जैन, निरंजन कुमार भी सकुशल अजमेर लौट आए हैं।
बचाव अभियान अब भी जारी, आर्मी ने ताकत झोंकी
श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल इमरोन मुसावी ने कहा कि हताहतों की सूचना मिलने पर बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि कर्नल के नेतृत्व में एक इन्फैंट्री बटालियन, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के साथ, सेक्टर आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों की एक टीम बचाव अभियान चलाने के लिए विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंची।
प्रवक्ता ने कहा कि रात के दौरान, कमांडर सेक्टर आरआर और कमांडिंग ऑफिसर इन्फैंट्री बटालियन ने पवित्र गुफा तथा नीलगर से बचाव कार्यों का निरीक्षण और समन्वय किया। उन्होंने कहा कि खोज अभियान के लिए एचएचटीआई, एनवीडी और अन्य नाइट साइट्स के साथ नौ निगरानी टुकड़ियों को भी तैनात किया गया था।
तलाशी के लिए हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर्स, नाइट विजन डिवाइसेस और अन्य नाइट साइट्स का इस्तेमाल किया गया। दो एएलएच (उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर) को पवित्र गुफा में हताहतों की निकासी के लिए ले जाया गया, हालांकि खराब मौसम की स्थिति के कारण गुफा में रात की लैंडिंग असफल रही। दो थ्रू वॉल रडार और दो सर्च एंड रेस्क्यू डॉग स्क्वॉड को भी बचाव अभियान के लिए पवित्र गुफा में भेजा गया है।
खोज, बचाव और चिकित्सा के प्रयास दिन के अंतराल में जारी रहे। सुबह 6.45 बजे पहला एएलएच घायलों को निकालने के लिए स्थल पर उतरा। सेना और नागरिक दोनों के हेलीकॉप्टर घायलों तथा मृतकों को निकालने के लिए लगातार उड़ान भर रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पवित्र गुफा से 15 शवों को नीलागर ले जाया गया है। फंसे हुए यात्रियों को भारतीय सेना के जवान बालटाल तक ले जा रहे हैं, क्योंकि ट्रैक कीचड़ भरा और फिसलन भरा है। इसके साथ ही, संगम स्थित अमरनाथ नार में भी किसी भी संभावित हताहत की तलाश शुरू कर दी गई है।
लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला, चिनार कॉर्प्स कमांडर और मेजर जनरल संजीव सिंह स्लारिया, जीओसी किलो फोर्स ने भारतीय सेना द्वारा किए जा रहे बचाव और चिकित्सा प्रयासों की समीक्षा करने के लिए सुबह-सुबह पवित्र गुफा का दौरा किया। जीओसी चिनार कोर ने यात्रियों और स्थानीय लोगों से भी बातचीत की और भारतीय सेना से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को सहायता/पूछताछ के लिए सेना के हेल्पलाइन नंबर +91 9149720998 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। कॉल करने वालों को नाम, यात्रा पंजीकरण/आरएफआईडी नंबर, संपर्क नंबर, आधार नंबर और अंतिम ज्ञात स्थान तथा समय जैसे यात्रियों का विवरण रखने की भी सलाह दी गई है।
सेना ने कहा है कि भारतीय सेना हर संभव तरीके से और सभी परिस्थितियों में यात्रियों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। उसने कहा कि बचाव और चिकित्सा के प्रयास दिन भर जारी रहेंगे और जनता की सामान्य जानकारी के लिए विवरण अपडेट किया जाएगा।