जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सुरक्षा के मद्देनजर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से राज्य छोड़ने के परामर्श के बाद श्रद्धालुओं ने शनिवार को यात्री निवास आधार शिविर से लौटना शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को सुरक्षा के मद्देनजर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से अपनी यात्रा में कटौती कर जल्द से जल्द राज्य छोड़ने की सलाह दी थी। इसके बाद यात्री निवास आधार शिविर से श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा भोले नाथ के दर्शन किए बिना ही लौटना प्रारंभ कर दिया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लगाए गए कई लंगर वालों ने भी इसे बंद कर दिया है।
मौसम विभाग की तरफ से खराब मौसम की चेतावनी और सलाह के बाद अमरनाथ यात्रा को पहले ही चार दिन के लिए एक से चार अगस्त तक निलंबित कर दिया गया था। यात्रा को स्थगित किए जाने के एक बाद राज्य प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द लौटने की सलाह दी थी। इसके बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने गंतव्य के लिए प्रस्थान शुरू कर दिया।
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने कल एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया कि खुफिया एजेंसियों से आतंकवादियों के हमले की धमकी की ताजा जानकारी मिली जिसमें अमरनाथ यात्रा को विशेष रूप से निशाना बनाना शामिल है।
घाटी की वर्तमान सुरक्षा स्थिति, पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें सलाह दी गई है कि वे राज्य में अपनी यात्रा में कटौती कर घाटी से जल्द से जल्द लौटने के लिए सभी संभव प्रयास करें।
यात्री निवास में ठहरे एक श्रद्धालु ने कहा कि हम पांच अगस्त से यात्रा के फिर शुरू होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब सरकार की तरफ से परामर्श जारी होने के बाद हम अपने गंतव्य के लिए बाबा भोले की गुफा का दर्शन किए बिना ही लौटने की तैयारी शुरू कर दी है।
बाबा की गुफा के दर्शन किए बिना ही लौट जाने की मायूसी लिए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि उसे बहुत बुरा लग रहा है लेकिन हो सकता है कि बगैर दर्शन किए लौटना उसके भले के लिए हो और इससे वह सुरक्षित अपने घर पहुंच जाए।
उन श्रद्धालुओं को तो और कठिनाई हुई जिनकी बस को आज सुबह यात्री निवास परिसर में प्रवेश देने से ही मना कर दिया गया। अमरनाथ यात्रा के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे कई श्रद्धालु तो कटरा में माता वैष्णो देवी गुफा के दर्शन के लिए निकल पड़े।
यही नहीं यात्री निवास के निकट श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लंगर लगाने वालों में से कुछ को छोड़कर बाकी ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया। लंगर लगाने वालों में से कई को अभी प्रशासन के सुरक्षा परामर्श के बारे में जानकारी नहीं थी और वह आधार शिविर में श्रद्धालुओं को सेवा के लिए पहुंचाना चाहते थे।
लंगर की सेवा करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि हम भ्रमित हैं और हमें यह पता नहीं है कि हमें वास्तव में क्या करना चाहिए। उसने कहा कि स्पष्ट तस्वीर क्या है, इसके लिए वह जम्मू-कश्मीर के उपायुक्त से मिलने जाएंगे।
हर वर्ष बड़ी धूमधाम से आयोजित की जाने वाली विश्व प्रसिद्ध 46 दिन की अमरनाथ यात्रा इस बार 29 जून को शुरू हुई थी जो 15 अगस्त तक चलनी थी। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु तमाम तरह की परेशानियों को झेलते हुए बाबा भोले नाथ की गुफा के दर्शन के लिए जाते हैं।
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