श्रीनगर। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को शनिवार सुबह अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग से एक साथ पवित्र गुफा के लिए रवाना हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि इस साल 62 दिवसीय यात्रा 31 अगस्त को समाप्त होगी। आज तड़के ‘हर हर महादेव’ और ‘जय बाबा बर्फानी’ के जयकारों के बीच तीर्थयात्री पहलगाम में नुनवान आधार शिविर और गांदरबल में बालटाल आधार शिविर से रवाना हुए।
अधिकारियों के अनुसार तीर्थयात्रियों को पहलगाम अक्ष के नोडल अधिकारी पीयूष सिंगला ने नुनवान से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और बालटाल आधार शिविर से यात्रियों को बालटाल अक्ष के नोडल अधिकारी राघव लंगर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान संबंधित उपायुक्त, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए उत्साहित श्रद्धालु अभय होकर आगे बढ़ रहे हैं। इस गुफा को भगवान शिव के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। अमरनाथ गुफा तक केवल पैदल या टट्टू द्वारा ही पहुंचा जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने यात्रा मार्ग को सुरक्षित करने के लिए पुलिस, सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात किया है। शांतिपूर्ण यात्रा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैतानी के अलावा, प्रौद्योगिकी का भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि हमने हवाई निगरानी के लिए ड्रोन लगाए हैं और तीर्थयात्रियों पर नज़र रखने के लिए उन्हें आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान) के साथ टैग भी किया है। लखनऊ निवासी एक महिला तीर्थयात्री ने कहा कि अच्छा अनुभव मिल रहा है और सुरक्षा बल हमारा पूरा समर्थन कर रहे है।