श्रीनगर। हर साल की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए यात्रियों के लिए खुशखबरी है। इस साल अमरनाथ यात्रा 23 जून से 3 अगस्त तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा शुरू होने की तारीख का फैसला अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की बैठक में लिया गया है। पिछले साल जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद पैदा हुई स्थिति के चलते यात्रा स्थगित की गई थी। जिसके चलते पिछले वर्ष हजारों तीर्थयात्रियों को यात्रा बीच में छोड़कर वापस आना पड़ा था। अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए सरकार हर वर्ष जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराती है।
दो मार्गों से अमरनाथ तीर्थयात्री कर सकते हैं यात्रा
अमरनाथ तीर्थ यात्री बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए 2 मार्गों से जा सकते हैं। दोनों ही मार्ग है सरकार ने यात्रियों के लिए आसान और सुविधाजनक बना दिए हैं। तीर्थ यात्रियों को कोई असुविधा ना हो इसके लिए श्राइन बोर्ड और सरकार मिलकर पूरा प्रबंध करती हैं। पहला ‘पहलगाम मार्ग’ और दूसरा ‘बालटाल मार्ग’।
यात्री इनमें से एक ट्रैक चुन सकते हैं। यदि तीर्थयात्री पहलगाम मार्ग (46 किमी) से जाते हैं, तो उन्हें गुफा तक पहुंचने के लिए पांच दिन लगते हैं। यदि तीर्थयात्री बालटाल मार्ग (14 किमी) से जाते हैं, तो वे पैदल एक दिन के भीतर पहुंच सकते हैं। हालांकि यह रास्ता जोखिम भरा है। यह मार्ग तीर्थयात्रियों के बीच सबसे लोकप्रिय है।
अमरनाथ हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है
अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। यह कश्मीर के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में 135 सहस्त्र मीटर दूर समुद्रतल से 13, 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है, गुफा 11 मीटर ऊंची है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
पिछले साल मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा लिया था इसके बाद तनावपूर्ण माहौल हो गया था, अब धीरे-धीरे स्थितियां समान होती जा रही हैं। आतंक के साए में होने वाली इस यात्रा के दौरान खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। लिहाजा सरकार को शांतिपूर्वक यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में इजाफा करना पड़ता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार