नई दिल्ली। अमेज़न इंडिया ने देश में अपने फुलफिलमेंट सेंटर्स में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) के अंतर्गत एक कौशल विकास कार्यकम शुरू किया है।
कंपनी का लक्ष्य उन युवाओं को प्रशिक्षण देना है जिनके सीखने के सफर और प्लेसमेंट पर कोविड-19 महामारी का असर पड़ा है। प्रशिक्षुओं का चयन कई स्रोतों से किया जाएगा जिनमें एनएसडीसी-एक्रेडेटेड ट्रेनिंग सेंटर्स (डीडीयू-जीकेवाय सेंटर्स) और एनएसडीसी स्किलिंग डेटाबेस शामिल हैं। इस प्रोग्राम से अमेज़न इंडिया प्रशिक्षुओं का कौशल निखारने और इसे बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता में योगदान करेगा।
छह महीने के इस कार्यक्रम के दौरान, प्रशिक्षुओं को वेयरहाउसिंग और इंवेंटरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे वेयरहाउस एसोसिएट्स और प्रोसेस एसोसिएट्स की भूमिका निभाने में सक्षम होंगे। इस कार्यक्रम में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद स्थित सेंटर्स में क्लासरूम से लेकर ऑन-द-जॉब लर्निंग और मूल्यांकन का काम किया जाएगा।
सभी प्रशिक्षण सत्रों का संचालन निरोधात्मषक स्वािस्य्कन एवं सुरक्षा उपायों के उच्चस मानकों के साथ किया जाएगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और नियमित सेनिटाइज़ेशन शामिल है।
प्रशिक्षुओं को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर एनएपीएस की अनिवार्य गाइडलाइंस के हिसाब से मासिक वजीफा (स्टाुइपेंड) दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षुओं का मूल्यांकन लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा किया जाएगा और मूल्यांकन होने के बाद उन्हें प्रमाणपत्र मिलेगा। प्रमाणन के बाद सभी प्रशिक्षुओं को उपलब्ध सामयिक या पूर्णकालिक रोजगार का मौका दिया जाएगा।
अमेज़न इंडिया ऑपरेशंस की डायरेक्टर (ह्यूमन रिसोर्स) स्वाती रुस्तगी ने कहा कि, अमेज़न में हमारा बिजनेस प्राकृतिक रूप से सरकार की स्किलिंग और नौकरी पैदा करने की प्राथमिकताओं के अनुरूप है। हमारे लिए स्किलिंग सिर्फ सार्थक ही नहीं है बल्कि यह एक स्थाई और दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी है। हमने युवाओं के लिए अवसरों का निर्माण करनेमें काफी निवेश किया है और इससे उन्हें भविष्यक में फायदेमंद एवं कुशल रोजगार प्राप्तह करने में मदद मिलेगी। हम अपने फुलफिलमेंट सेंटर्स पर 1,000 प्रशिक्षुओं के साथ इस पायलट कार्यक्रम को शुरू करने तथा समय के साथ और बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की संयुक्त निदेशक अनीता श्रीवास्तव ने कहा कि, ये देखकर बहुत प्रोत्सााहन मिलता है कि अमेज़न जैसी कंपनी युवाओं के लिए बड़े स्तर पर रोजगार निर्माण में सरकार के नज़रिए पर काम कर रही है। हमें विश्वास है कि ये अप्रेंटिस प्रोग्राम कुशल वर्कफोर्स को तैयार करेगी और इससे हमारे समुदायों एवं अर्थव्यवस्था को काफी फायदा मिलेगा।
अमेज़न ने विभिन्न पहलों के माध्यम से युवाओं को कौशल और प्रशिक्षण के मौके प्रदान करना जारी रखा है। सितंबर 2019 में कंपनी ने एक एनजीओ सोल्स आर्क के साथ साझेदारी की थी जिसके अंतर्गत ऑटिज़्म और बौद्धिक अक्षम युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार का मौका उपलब्ध कराया था। कंपनी अपने फुलफिलमेंट इंफ्रास्ट्रवक्चज़र को लगातार बेहतर बना रही है, साथ ही युवाओं के लिए काम के अवसरों का भी निर्माण करने की दिशा में लगातार काम किया है। कंपनी युवाओं को तकनीकी एवं परिचालन कौशल से भी लैस करती है।