भीटी अंबेडकर नगर। स्थानीय विकासखंड के ग्राम सभा बस्तीपुर में पीड़ित शमशेर अली पुत्र मोहम्मद शकील ने खंड विकास अधिकारी भीटी को लिखित शिकायत पत्र देकर संक्रमित बीमारियों के फैलने को रोकने के लिए खुली नाली पर पटिया रखवाने की मांग किया है।
पीड़ित ने आरोप लगाया है कि सरकारी नाली ग्राम पंचायत ने बनाई गई है साथ ही सभी के दरवाजे के सामने पटिया भी रखवाया गया है परंतु पीड़ित के दरवाजे पर बरसों बीत जाने पर भी रंजिशवस पटिया नहीं रखाया गया। नाली खुली होने के कारण पूरे गांव में संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है।
पीड़ित के बच्चे समेत जानवर आए दिन नाली में गिरते रहते हैं। ग्राम प्रधान से पीड़ित के बार-बार कहने पर भी नाली पर पटिया नहीं रखवाया वहीं जब पीड़ित ने अपने खर्च से किसी तरह से पटिया रखवाया तो रमजान व मोहर्रम पुत्रगण दुलारे द्वारा उक्त पटिया को 112 नंबर पुलिस बुलाकर जबरन हटवा दिया गया।
पीड़ित को थाने बुलाकर सुलह समझौता के आधार पर प्रधान के पुत्र पप्पू द्वारा ग्राम पंचायत स्तर से पटिया रखने की बात कही गई थी जो सुलहनामा पत्र में लिखित तौर पर अंकित है परंतु आज तक पटिया नहीं रखा गया। ऐसी दशा में आज भी खुली नाली के गंदगी से संक्रमित बीमारियों के फैलने की पूरी आशंका गांव में बनी हुई है।
वही सरकार एक तरफ बीमारियों से बचने के लिए तरह तरह के योजनाएं तथा कार्यक्रम चला रही है दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम प्रधान के द्वारा पुलिस की मिलीभगत से नाली पर रखे पटिया को हटवा कर संक्रमित बीमारियों को खुलेआम चुनौती दी जा रही हैं।
पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान विपक्षी रमजान व पुलिस की मिलीभगत से पटिया को हटाया गया और झूठा आश्वासन देकर सुलहनामा पर समझौता कराया गया। सवाल उठता है कि जब पीड़ित के बार बार कहने पर ग्राम प्रधान ने पटिया नहीं रखवाया और जब पीड़ित ने अपने निजी खर्च से नाली पर पटिया रखवाया तो ग्राम प्रधान ने क्यों हटवाया? इसके पहले भी ग्राम प्रधान पर काफी गंभीर आरोप लगा चुके हैं लेकिन जिले के आलाअधिकारी भी अभी तक चुप्पी साधे हुए बैठे हैं।
ग्राम सभा चंदापुर में सरकारी धन का दुरुपयोग
स्थानीय तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा चंदापुर में करीब आधा दर्जन सरकारी नलों को अपने कब्जे में करने के बाद चारों तरफ से बंद कर लिया गया है। समरसेबल डालकर आए दिन नलकूप को खराब करने के बाद उच्च अधिकारियों के यहां एप्लीकेशन देकर उसे बनवाने की कोशिश किया करते हैं। उच्च अधिकारियों के भय से करीब पंचवर्षीय योजना में 7 बार सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। इसी तरह से अन्य गांव में भी किया जा रहा है।
हद तो तब हो गई जब खुद ही यूज किया जा रहा है तो ऐसे में ग्राम सभा का पैसा प्रधान और सेक्रेटरी द्वारा इन नलकूपों पर पैसा क्यों खर्च कर रहे हैं। इसकी जानकारी जब एडीओ पंचायत से ली गई तो उन्होंने बताया कि जो भी इस तरह की हरकत कर रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उससे पैसे की वसूली की जाएगी।