ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने नागरिकता (संशोधन) कानून को लेकर कहा है कि इसे पारित करने की जरूरत को वह समझ नहीं सकी हैं तथा इस कानून की जरूरत ही नहीं थी।
हसीना ने गल्फ समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि हम समझ नहीं सके कि भारत सरकार ने इस कानून को पारित क्यों किया। इसकी आवश्यकता ही नहीं थी। उन्होंने हालांकि सीएए को लेकर अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि यह भारत का आतंरिक मामला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश ने हमेशा से यह माना है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और सीएए भारत का आतंरिक मामला है। भारत सरकार ने भी कई बार कहा है कि यह उनका आतंरिक मामला है और पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को लेकर आश्वस्त भी किया था। हसीना ने कहा कि वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते सबसे अधिक घनिष्ठ हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 12 दिसंबर को संसद में सीएबी को पारित किया था जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ना का सामना कर रहे हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई और सिख समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। इस कानून लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।