नयी दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि कंपनी कानून में संशोधन कर देश में ‘कारोबार की आसानी’ बढ़ावा देने की योजना है जिसके तहत 16 अपराधों को दंडात्मक अपराधों की श्रेणी से निकालकर दीवानी अपराधों की श्रेणी में रखा जायेगा।
सीतारमण ने कंपनी (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में चर्चा शुरू करने से पहले इसके बारे में बताते हुये कहा कि इस विधेयक को अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है जिसमें 31 संशोधन किये गये थे। विधेयक में 12 नये संशोधन भी लाये गये हैं। इस प्रकार कुल 43 संशोधन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून 2013 में 81 दंडनीय अपराधों से में 16 को दीवानी अपराध बनाने का फैसला किया गया है। इस प्रकार से केवल 65 अपराध ही दंडनीय अपराधों की श्रेणी में रह गये हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में लंबी छलांग लगायी है पर अभी और लंबा रास्ता तय करना है। इसके लिए कंपनी कानून में कंपनी सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के अनुसार कई सुधार किये गये हैं।
इससे पहले कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी ने 21 फरवरी को प्रख्यापित कंपनी संशोधन दूसरा अध्यादेश, 2019 को निरनुमोदन करने वाला सांविधिक संकल्प पेश किया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसे अध्यादेश लाने की लत लग गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष की सलाह के बगैर एकतरफा ढंग से सदन का सत्र बढ़ा दिया। ऐसा लगता है कि सरकार ‘वन नेशन वन सेशन’ के रास्ते पर चल रही है और सदस्यों को प्रश्न पूछने से वंचित कर रही है। उन्होंने फर्जी कंपनियों के खिलाफ सरकार के कदमों पर सवाल उठाये और मांग की कंपनी कानून में फर्जी यानी शेल कंपनियों को परिभाषित किया जाये और उन पर कार्रवाई के बारे में पूरा कानूनी खाका बताया जाये।