कोलकाता। मणिपुर सरकार ने पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में सेवारत 185 नर्सों को तत्काल प्रभाव से वापस बुलाया है। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षित मेडिकल कर्मियों की अत्यंत कमी है तथा बहुत से सरकारी एवं निजी अस्पताल कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी से जूझने के लिए मानव बल और संसाधनों की तंगी का सामना कर रहे हैं।
राज्य के गृह विभाग की ओर से संयुक्त सचिव रिहानुद्दीन चौधरी के हस्ताक्षरित अधिसूचना में 185 नर्सों और 133 अन्य कर्मियों को बंगाल से बसों के जरिए लौटने के लिए कहा गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि बसें सुबह छह से अपराह्न 12 बजे के बीच माव गेट की ओर से इम्फाल में प्रवेश करेगी और यहीं से वापस लौट जाएंगी।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में कारनोर अस्पताल की 27, पीयरलेस अस्पताल की 25, फोर्टिस अस्पताल की 16, आरएन टैगोर अस्पताल और अपोला अस्पताल की 10-10, रूबी अस्पताल की छह और मेडिका तथा बेल्ले क्यू अस्पताल की तीन-तीन नर्सों ने मणिपुर सरकार की ओर से घर लौटने का आदेश मिलने के बाद अपनी नौकरियों से इस्तीफा दे दिया है।
इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने ट्वीट में कहा कि टकराव और प्रतिकूल स्थिति। कोविड 19 हो या राज्य के विकास का मामला, ममता सरकार की केंद्र से खिलाफत पश्चिम बंगाल के लिए सही दृष्टिकोण नहीं।
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