बिलासपुर । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी को 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की वजह से असफलता का सामना करना पड़ा था।
अमित जोगी ने एक साक्षात्कार में कहा,“अखिलेश यादव ने कांग्रेस की वजह से उत्तर प्रदेश में असफलता का सामना किया। जब गठबंधन होता है, तो वोटों का ट्रांसफर दोनों पक्षों से होना चाहिए और पूरा होना चाहिए। कांग्रेस के साथ समस्या यह है कि वह दूसरों से वोट तो लेती है लेकिन गठबंधन सहयोगियों की मदद नहीं करती।”
जोगी ने कहा,“ जब भी कांग्रेस गठबंधन करती है तो उसको फायदा होता है लेकिन वह अपने सहयोगियों की मदद नहीं कर सकती। उन्होंने बताया कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी को कांग्रेस ने 2016 में पार्टी से अलग कर दिया और तब उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़’(जेसीसी) का गठन किया।
जोगी ने वर्ष 2008 का उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी साथ गठबंधन किया था और उसे तीन सीटों पर चुनाव लड़ने दिया। दिलचस्प यह रहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सभी तीनों सीटों पर हार गये। उन्होंने कहा कि इससे सिद्ध होता है कि कांग्रेस वोट (अन्य पार्टियों से) लेने में बहुत अच्छी है लेकिन जब वोट देने की बात आती है, तो वह इन्हें ट्रांसफर नहीं करती है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी वोटो को ट्रांसफर नहीं करती है, तो यह होता है कि वही वोट वास्तव में भाजपा के पास जाते हैं। राज्य विधानसभा के विधायक जोगी ने कहा कि यही कारण है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को हार का सामना करना पड़ा।
बिलासपुर में अमित जोगी को जूनियर जोगी के रूप में जाना जाता है, उन्होंने कहा कि श्री यादव ने सोचा था कि कांग्रेस भाजपा विरोधी वोटों को मजबूत करेगी लेकिन हुआ यह है कि समाजवादी पार्टी ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा वहां के कांग्रेसी वोट सीधे भाजपा के पास गए।
उन्होंने कहा,“अगर गठबंधन हो तो वोटों का ट्रांसफर बराबर अनुपात में होना चाहिए। अगर मैं आपको कुछ देता हूं, तो मुझे आपके से कुछ वापस लेना होगा। छत्तीसगढ़ में हमारे वोट हस्तांतरणीय हैं। यहां तक कि बसपा अध्यक्ष मायावती के वोट भी हस्तांतरणीय हैं।”
क्या बसपा वोट वास्तव में जेसीसी में आएंगे क्योंकि सुश्री मायावती के समर्थक अक्सर पार्टी के नीले झंडे और हाथी प्रतीक से प्रभावित होते हैं, इस सवाल का जबाव देते हुए श्री अमित जोगी ने कहा, “ जेसीसी और बसपा गठबंधन का प्रभाव आदिवासी, दलितों और अति पिछड़ी जाति (एमबीसी) के गठबंधन पर है।” उन्होंने बताया कि मछुआरों,धोबी और सब्जी उत्पादक मारार समुदायों के भी महत्वपूर्ण छोटे वर्गों के वोट भी गठबंधन को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जेसीसी-बसपा और कम्युनिस्ट गठबंधन इस साल के विधानसभा चुनावों में गुरुत्वाकर्षण बल की तरह होंगे।
श्री जोगी ने कहा,“लोग कह रहे हैं कि कुछ जेसीसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। मैं इनकार नहीं कर रहा हूं लेकिन कांग्रेस और भाजपा को अपने उम्मीदवार घोषित करने दें, … इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों में भूकंप जैसा आयेगा। हमारा गठबंधन राज्य में गुरुत्वाकर्षण बल की तरह होगा।”