नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पार्टी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर, अनंत कुमार हेगडे तथा नलीन कटील द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बारे में दिए गए बयानों से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है और इन बयानों को पार्टी की अनुशासन समिति के पास भेजा गया है।
शाह ने इन बयानों को सार्वजनिक जीवन की गरिमा और भाजपा की विचारधारा के विपरीत बताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि विगत दो दिनों में अनंत कुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आए हैं वे उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इन लोगों ने अपने बयान वापस ले लिए हैं और इनके लिए माफी भी मांगी है, लेकिन ये सार्वजनिक जीवन तथा भाजपा की विचारधारा के विपरीत हैं और पार्टी ने इन्हें गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि तीनों के बयानों को पार्टी की अनुशासन समिति के पास भेजने का निर्णय लिया गया है। शाह ने कहा कि अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांग कर 10 दिन के अंदर पार्टी को रिपोर्ट अपनी सौंपेगी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बयान में कहा कि गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। उन्हें हिंदू आतंकवादी बताने वाले अपने गिरेबान में झांककर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।
बाद में उन्होंने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा था कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। वह महात्मा गांधी का सम्मान करती हैं और उन्होंन देश के लिए जो किया उसे भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगती हूं। पार्टी के एक अन्य नेता एवं केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे ने ट्वीट करके साध्वी प्रज्ञा के बयान का समर्थन किया था लेकिन बाद में दावा किया था कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया था।
कर्नाटक से भाजपा सांसद नलीन कटील ने गोडसे की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की थी। उन्होंने ट्वीट किया था कि गोडसे ने एक की हत्या की, कसाब ने 72 की हत्या की, राजीव गांधी 17 हजार लोगों की हत्या की। आप तय कीजिए इनमें कौन ज्यादा क्रूर है? लेकिन बाद में उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा दिया।