बारामूला। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करेगा बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करेगा। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद बारामूला में अपनी पहली विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भारत पाकिस्तान से बात नहीं करेगा।
शाह ने रैली में कहा कि कुछ लोग मुझे सुझाव देते हैं कि पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। ये सुझाव उन लोगों की ओर से आ रहे हैं जिन्होंने यहां सत्तर वर्षों तक शासन किया है। लेकिन मैं स्पष्ट हूं, मैं पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता। मैं बारामूला के गुर्जरों और पहाड़ी लोगों से बात करूंगा। मैं कश्मीर के युवाओं से बात करूंगा। उन्होंने (पाकिस्तान) यहां आतंकवाद फैलाया है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने दुनिया में किसी का सम्मान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के कारण 90 के दशक से जम्मू-कश्मीर के 42 हजार लोग मारे गए। उनकी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने दावा कियाकि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पूरी ताकत से जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कटिबद्ध है। शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला किया और दोनों परिवारों पर जम्मू-कश्मीर को तबाह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कश्मीर त्रासदियों के लिए गांधी परिवार को भी निशाना बनाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महबूबा (मुफ्ती) जी ने कहा कि गृह मंत्री को (उन्होंने जो किया है) उसका हिसाब देने के बाद ही वापस जाना चाहिए। सुनो महबूबा जी खुले कान और आंख से, हमने जो किया है, उसका हिसाब हम देंगे लेकिन तुमने और फारूक (अब्दुल्ला) साहब ने जो किया है, वह हिसाब देना चाहिए… मैं यहां महबूबा और फारूक साहब से यह पूछने आया कि कश्मीर में 70 साल में कितना निवेश आया है, कितने उद्योग लगे हैं, कितने कारखाने खुले हैं और कितने युवाओं को रोजगार दिया गया है। उन्होंने कहा कि 70 साल में सिर्फ 15 हजार करोड़ का निवेश हुआ है जबकि तीन साल में मोदी जी यहां 56 हजार करोड़ का निवेश लेकर आए हैं।