अमरावती। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगाये जा रहे आरोपों को ‘झूठा’ और ‘आधारहीन’ करार दिया है।
शाह ने नायडू को लिखे एक पत्र में कहा है कि तेलुगू देशम पार्टी का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘एकतरफा’ निर्णय है। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि यह फैसला विकास संबंधी चिंताओं के कारण नहीं बल्कि राजनीतिक फायदों को ध्यान में रखकर लिया गया है। पत्र की प्रतियां आज मीडिया को जारी की गई।
शाह ने कहा कि भाजपा लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए विकासपरक राजनीति करती है। केंद्र सरकार ने अपने उत्तरदायित्व पूरे किए हैं और भाजपा आंध्र प्रदेश के लोगों की सच्ची हितैषी एवं मित्र है। मैं चाहता हूं कि आप आत्मावलोकन करें कि क्या राजनीतिक दलों को अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे के खिलाफ अपनी ‘भावनाओं और विकास’ को उभारने की जरूरत है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आंध्र प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण 14वें वित्त अायोग ने को राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए 22113 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है जिससे पांच वर्ष तक राजस्व घाटे की भरपायी हो जाएगी। पूर्वोत्तर और आठ पर्वतीय राज्यों के अलावा केवल आंध्र प्रदेश को यह अनुदान दिया गया है।
शाह ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सहायता को राज्य की बड़ी उपलब्धि करार दिया था लेकिन उसके कुछ समय बाद ही नायडू ने पलटी मार दी और राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग करने लगे। केंद्र सरकार ने पहले ही आंध्र की वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा कर दिया था जिसके कारण नायडू की मांग पूरी करना संभव नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने नायडू से पूछा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जब विशेष सहायता उपाय (पैकेज) को मंजूरी दी थी तभी राज्य सरकार बाहरी सहायता वाली परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी क्यों नहीं दिखाई। अगर लोगों का हित उसकी प्राथमिकता थी, आपकी सरकार ने इन फंड को हासिल करने में इतना समय क्यों लगाया।
शाह ने पूछा कि उनकी सरकार ने नाबार्ड से सीधे फंड हासिल करने के लिए विशेष उद्देश्य केंद्र की स्थापना के केंद्र सरकार के सुझाव पर अमल क्यों नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार ने इस राशि को ‘अन्य’ उद्देश्यों के लिए उपयोग करने में समस्या होने के कारण इन केंद्रों की स्थापना नहीं की।
शाह ने कहा कि राजग सरकार वित्त वर्ष 2014-15 के लिए राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए सहमत है और कुल 3979.50 करोड़ रुपए राज्य के लिए जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2015-16 के लिए राजस्व घाटा अनुमान के आधार पर अतिरिक्त 1600 करोड़ रुपए जारी करने पर राजी हो गई है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के विकास और न्याय के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विभाजनकारी राजनीति के कारण तेदेपा ने राजग का साथ छोड़ा है।