नई दिल्ली। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को भारतीय फिल्मों में आजीवन महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश के सबसे प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि हिंदी फिल्मों में ‘लीजेंड’ बन गए अमिताभ बच्चन को सर्वसम्मति से दादा साहेब पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्होंने दो पीढ़ियों को अपने अभिनय और मनोरंजन से न केवल प्रभावित किया है बल्कि प्रेरित भी किया है। जावड़ेकर ने कहा कि बच्चन को यह सम्मान मिलने से न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ी है।
उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में 11 अक्टूबर 1942 को जन्मे बच्चन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत सात हिंदुस्तानी फिल्म से की थी और उन्होंने जंजीर, दीवार और शोले जैसी फिल्मों से एंग्री यंग मैन की भूमिका से लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया था।
बच्चन ने आनंद, मिली, नमक हराम, अभिमान जैसी फिल्मों से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और अपनी प्रतिभा से सबका मन मोह लिया। बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 15 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें 1984 में पद्मश्री और 2001 में पद्मभूषण तथा 2015 में पद्मविभूषण भी दिया जा चुका है। इसके अलावा फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑफ हॉनर’ भी मिल चुका है।
हिंदी के प्रख्यात कवि हरिवंश बच्चन के पुत्र इलाहबाद से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद भी बने थे लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया था। पिछले कुछ वर्षों से कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम से उनकी लोकप्रियता एक बार फिर शिखर पर पहुंची।
वह आठवें और नौंवें दशक में हिंदी फिल्मों के सबसे अधिक लोकप्रिय अभिनेता रहे और उन्होंने डॉन, कसमे वादे, मुकद्दर का सिकंदर, अग्निपथ, सिलसिला, अमर अकबर एंथनी जैसी अनेक यादगार फिल्में दी और बाद में ब्लैक, पीकू, पा जैसी फिल्मों से भी एक बार फिर अपने अभिनय के शिखर को स्पर्श किया।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत 1969 में हुई थी और प्रख्यात अभिनेत्री देविका रानी को मिला था। पिछले वर्ष यह पुरस्कार वर्ष 2017 में सुप्रसिद्ध अभिनेता विनोद खन्ना को मिला था। यह पुरस्कार लता मंगेशकर, आशा भोसले, राज कपूर, पृथ्वी राज कपूर, शशि कपूर समेत अनेक हस्तियों को मिला था।