चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मंगलवार सुबह द्रमुक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अम्मा कैंटीन में तोड़फोड़ की। अन्नाद्रमुक और पीएमके ने इस घटना का विरोध करते हुए इसकी निंदा की है।
जैसे ही कैंटीन से संबंधित घटना का वीडियो वायरल हुआ द्रमुक के विधायक एम सुब्रमणियन ने कहा कि कैंटीन की तोड़ फोड़ में शामिल पार्टी के लोगों को पार्टी से निलंबित किया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन, जो जल्द ही पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, के आदेश के बाद कैंटीन के नाम वाले बोर्ड को फिर से पहले की तरह लगा दिया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि द्रमुक कार्यकर्ता जेजे नगर स्थित अम्मा कैंटीन में घुस गए तथा नाम वाले बोर्ड को तोड़ दिया तथा सब्जियों को जमीन पर फेंक दिया। कैंटीन में काम करने वाली तीन महिला कर्मचारी इस घटना को असहाय होकर देखती रहीं।
इस दौरान द्रमुक समर्थकों ने दिवंगत मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक नेता जे जयललिता की तस्वीर भी जमीन पर फेंक दी जिनकी स्मृति में इस कैंटीन की शुरूआत की गई थी। यह घटना कोई दस वर्षाें के बाद शानदार बहुमत के साथ सत्ता में आये द्रमुक की जीत के दो दिन बाद ही सामने आई है।
अन्नाद्रमुक ने घटना का वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर अपलोड किया और इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। इस घटना के बाद 50 से 60 स्थानीय लोग कैंटीन के पास जमा हो गए तथा घटना की निंदा करते हुए इसके बारे में विरोध प्रदर्शन करने लगे और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने इस घटना की निंदा करते हुए कैंटीन की तोड़ फोड़ में शामिल लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि इन कैंटीनों ने चक्रवाती तूफान, बाढ़ तथा कोरोना महामारी के दौरान हजारों लोगों को भोजन मुहैया कराया है।
अन्नाद्रमुक के सहयोगी पीएमके के संस्थापक डा. एस रामदास ने भी कैंटीन एवं जयललिता के चित्र की तोड़ फोड़ किए जाने की निंदा करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह स्वभाविक है कि जब भी सत्ता का परिवर्तन होता है तो कुछ नीतिगत स्तर के बदलाव होते हैं। लेकिन जैसा कि लोगों को डर था कि ऐसा नहीं होना चाहिए मगर वह वास्तव में हो गया है।
द्रमुक विधायक और पूर्व मेयर एम सुब्रमणियन ने कहा कि द्रमुक प्रमुख एमके सटालिन को जैसे ही खबर मिली तो उन्होंने पार्टी के दो कार्यकर्ताओं को निलंबित करने का आदेश दिया तथा उनपर कानूनी कार्रवाई भी शुरू करवा दी। स्टालिन के कहने पर ही कैंटीन के नाम लिखे बोर्ड को भी तुरंत लगवाया गया।
गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जयललिता ने वर्ष 2013 में क्रांतिकारी अम्मा कैंटीन की शुरूआत की थी। इसमें एक रुपये में इडली, पांच रुपए में पोंगल, सांबर चावल, करी पत्ती चावल और लेमन चावल (प्रत्येक पांच रुपये प्लेट) और दही चावल (तीन रुपये) तथा रात के भोजन में दो चपाती एवं दाल (तीन रुपये) दिया जाता है।
कोरोना महामारी को लेकर लागू लॉकडाउन के दौरान भी एक ओर जहां अन्य रेस्तरां एवं भोजन के आउटलेट बंद हैं वहीं अम्मा कैंटीन से करीब एक करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध हो रहा है।