नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली मामले में वित्तीय सलाहकार कंपनी जेपी मॉर्गन की 187 करोड़ रुपए की जब्त राशि को अधूरी परियोजना के लिए खोले गए बैंक खाते में हस्तांतरित करने का गुरुवार को आदेश दिया।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जेपी मॉर्गन के जब्त 187 करोड़ रुपए आम्रपाली की अधूूरी परियोजना के लिए खोले गए यूको बैंक खाते में हस्तांतरित कर दिए जाएं, ताकि उस पैसे का इस्तेमाल परियोजना पूरी करने के लिए हो सके।
मामले की सुनवाई के दौरान जेपी मॉर्गन ने दलील दी कि कि ईडी द्वारा जब्त राशि हस्तांतरित न की जाए, लेकिन न्यायालय ने कहा कि ईडी के पास वह पैसा रखने से कोई लाभ नहीं होगा, इसलिए उस रकम को न्यायालय की देखरेख में खाेले गए खातों में जमा कराया जाए, ताकि इसका इस्तेमाल आम्रपाली की परियोजनाओं में हो।
एसबीआई कैप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने न्यायालय को बताया कि उसकी कोर्ट रिसीवर के साथ बैठक हुई है और खंडपीठ ने 500 करोड़ रुपए ऋण देने का जो आग्रह किया है, उस पर आगे की बातचीत होनी है। इसे लेकर कार्य योजना पेश की जाएगी।