नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश में नौ दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए वायु सेना के परिवहन विमान एएन-32 के मलबे का पता चलने के बाद बचाव अभियान में जुटी टीमों में से एक आज अपराह्न दुर्घटनास्थल तक पहुंच गई जबकि अन्य दल अभी उस ओर बढ रहे हैं।
विमान के मलबे का पता चलने के बाद वायु सेना अब पूरी ताकत के साथ बचाव अभियान में जुटी है। वायु सेना के एम आई-17 हेलिकॉप्टर तथा सेना के ध्रुव हेलिकॉप्टर की मदद से 15 लोगों को अलग- अलग टीमों में दुर्घटनास्थल के निकट उतारा गया था। इनमें वायु सेना के 9 , सेना के चार और दो स्थानीय पर्वतारोही शामिल हैं।
बचाव दलों ने वहां एक छोटा सा शिविर बनाया है। इनमें से एक टीम दुर्घटनास्थल तक पहुंच गई है जबकि कुछ अन्य अभी रास्ते में हैं। इसके अलावा पहले से ही रवाना जमीनी दस्ता भी दुर्घटनास्थल की ओर बढ रहा है।
यह हादसा समुद्रतल से 12 हजार फुट की ऊंचाई पर हुआ था। वहां हेलिकॉप्टर को उतारना मुश्किल है इसलिए वायु सेना ने बचाव दल के लोगों को हेलिकॉप्टरों से उतारने का निर्णय लिया। घने जंगल और दुर्गम क्षेत्र को देखते हुए बचाव दल को मलबे तक पहुंचने में समय लग रहा है।
बचाव दल की प्राथमिकता विमान में सवार लोगों को तलाशने की है। वायुसेना ने बताया कि अब विमान में सवार लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर यह पता लगाया जा रहा है कि उनमें कोई जीवित बचा भी है या नहीं।
आठ दिन के तलाशी अभियान के बाद दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले के लिपो गांव से 16 किलोमीटर दूर मिला था। विमान ने गत 3 जून को असम के जाेरहाट से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले में स्थित मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उडान भरी थी। विमान में छह अधिकारी और सात अन्य वायुसैनिक सवार वायुसैनिक सवार थे।