नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में 10 दिन पहले दुर्घटना ग्रस्त हुए वायुसेना के ए एन 32 विमान के मलबे का पता लगाने के बाद बचाव अभियान में जुटी टीम को दुर्घटनास्थल पर कोई जीवित नहीं मिला है।
वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि आठ बचावकर्मियों के दल ने आसपास के क्षेत्रों की खोजबीन की लेकिन दुख की बात है कि विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं मिला।
गत तीन जून को अरुणाचल के सियांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की खोज में लगे बचाव दल के आठ सदस्यों ने विमान के मलबे तक पहुंचने के बाद विमान में सवार सभी 13 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की।
मालवाहक विमान में सवार कुल 13 हवाई योद्धाओं में छह अधिकारी और सात वायु सैनिक है।वायुसेना की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार विमान दुर्घटना विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा,फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एम के गर्ग, वारंट आफिसर के के मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, काॅरपोरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एस के सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, कर्मचारी पुतली और राजेश कुमार शामिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना अपने इन सभी 13 जाबांजों को श्रद्धांजलि देती है और दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ है। वायुसेना इनकी हर संभाव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान का मलबा आठ दिन बाद मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले के लिपो गाँव से 16 किलोमीटर दूर मिला था जिसके बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था।
वायुसेना के जानकारी दी थी कि तलाशी अभियान में जुटे एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने लापता हुए एएन-32 विमान का मलबा खोजा है। लिपो गांव से 16 किलोमीटर दूर टाटो तहसील के उत्तर-पूर्व में समुद्र तल से 12 हजार फुट की ऊंचाई पर विमान का मलबा देखा गया।
तीन जून को दोपहर बाद 12.25 बजे उड़ान भरने वाला एएन-32 विमान अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले में स्थित मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था। रास्ते में अपराह्न एक बजे के करीब संबद्ध एजेंसियों से विमान का संपर्क टूट गया था।