नई दिल्ली। वायु सेना के प्रमुख मालवाहक विमान ए एन -32 को स्वदेशी जैव विमान ईंधन के इस्तेमाल का औपचारिक प्रमाण पत्र मिल गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सक्षम केन्द्र केमिलेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी जयपाल ने चंडीगढ में वायु सेना को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया।
वायु सेना इस ईंधन के इस्तेमाल के लिए पिछले एक वर्ष से विभिन्न परीक्षणों के आधार पर मूल्यांकन कर रही है। जैव विमान ईंधन देहरादून स्थित प्रयोगशाला में 2013 में ही बना लिया गया था लेकिन इसे व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति संबंधी प्रमाण पत्र नहीं मिला था। वायु सेना ने जुलाई 2018 में इस ईंधन के इस्तेमाल के लिए परीक्षण की अनुमति दी थी।