प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में नैनी सेन्ट्रल जेल में बंद आनंद गिरी और अद्या प्रसाद तिवारी ने जान के खतरे की आशंका जताते हुए न्यायालय से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
महंत नरेन्द्र गिरी के शिष्य अभियुक्त आनंद गिरी ने जान का खतरा बताते हुए अपने वकील द्वारा गुरूवार को जिला न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि बुधवार को पेशी के दौरान उनके ऊपर हमला किया गया, उनकी जान का खतरा है। ऐसी स्थिति में जेल से न्यायालय पेशी पर लाते समय और जेल में उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान की जाए।
सीजेएम हरेन्द्र नाथ ने अभियुक्त आनंद गिरी और अद्या प्रसाद तिवारी के वकील द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर गौर करते हुए जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जेल मैन्युअल एवं विधि के अनुसार आरोपियों को विशेष सुरक्षा प्रदान करें।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन पाण्डेय ने बताया कि न्यायालय से आदेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कैदियों को वैसे भी सुरक्षा प्रदान की जाती है। वैसे भी इन्हें अलग सेल में रखा गया है। अदालत में पेशी के अभियुक्तों को पुलिस की विशेष सुरक्षा में ले जाया जाता है।
नरेन्द्र गिरी मामले में तीसरे आरोपी संदीप को भी जेल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में तीसरे अभियुक्त संदीप तिवारी को भी अदालत ने गुरूवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
पुलिस ने जेल भेजे गए बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या प्रसाद तिवारी के पुत्र संदीप तिवारी को भी पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में अदालत में पेश किया था। पुलिस ने अदालत में एक पेन ड्राइव और पांच मोबाइल फोन भी प्रस्तुत किए। सीजेएम हरेन्द्र तिवारी ने अभियुक्त संदीप तिवारी को छह अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में गिरफ्तार योग गुरू आनंद गिरी और बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी से एसआईटी पिछले कई घंटे से पूछताछ कर रही थी। एसआईटी ने बुधवार शाम चार बजे दोनो आराेपियों को अदालत में पेश किया, सीजेएम हरेन्द्र तिवारी ने आरोपियों के उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने सुसाइड़ नोट में स्वामी आनंद गिरी, अद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को आत्महत्या करने का जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने 12 पन्ने के सुसाइडनोट में अधिकांश जगह इन्हीं तीनों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।