इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा के बढ़पुरा क्षेत्र में मंगलवार गौशाला के लिये खुदाई के दौरान मिले सोने चांदी के सिक्कों को लेकर ग्रामीण आपस में भिड़ पड़े।
पुलिस ने बताया कि भटपुरा गांव निवासी भरतचंद तिवारी ने अपनी पांच बीघा जमीन गौशाला निर्माण के लिए सरकार को दान में दी थी जिसके लिए जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही थी।
खुदाई के दौरान सोने चांदी के सिक्कों से भरा एक मटका मिला। खजाना मिलने की खबर गांव में जंगल के आग की तरह फैल गई और सिक्कों को हासिल करने के लिए ग्रामीणों के बीच मारपीट शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पड़ताल की तो पाया कि गांव वालों ने सिक्कों का बंटवारा कर लिया है लेकिन पुलिस कार्यवाही के डर से सतेंद्र नामक व्यक्ति पुलिस के पास खुद ब खुद आ पहुंचा है। सतेंद्र ने पुलिस को सात चांदी के सिक्के सुपुर्द किए हैं। पुलिस के पास पहुंचे सिक्कों के पृष्ठभाग में वर्ष 1888 अंकित है।
प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार खुदाई करते समय जेसीबी चालक मनीष को सोने और चांदी के सिक्कों से भरा छोटा मटका मिला। आसपास खेतो में काम कर रहे लोगो के जरिये खज़ाना मिलने की बात पूरे गांव में फैल गई जिसके बाद उस जगह पर भीड़ जमा हो गई।
भीड़ का फायदा उठा कर गांव के दो लोग सतेंद्र और मुलायम जेसीबी चालक के हाथ से घड़ा लेकर भाग निकले। छीना झपटी में कुछ सिक्के गांव वालों के हाथ भी लग गए। ग्राम प्रधान प्रमोद यादव की सूचना पर उदी चौकी प्रभारी सतीश राठौर मौके पर पहुंचे।
गांव वालों के हाथ लगे सिक्को पर सन 1888 लिखा हुआ है और महारानी विक्टोरिया का नाम भी लिखा है। इससे प्रतीत होता है कि सिक्के के लगभग 130 वर्ष पुराने है और इनकी कीमत लाखों में हो सकती है। पुलिस बाकी सिक्कों की तलाश कर रही है।