जयपुर। राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश ने आज विधानसभा में कहा कि सामूहिक बचत आधारित योजना के तहत एक जनवरी 2014 तथा उसके पश्चात नियुक्त आंगनबाड़ी मानदेय कर्मी जो बीमा से वंचित है उनको भी नई पॉलिसी के आधार पर लाभांवित किया जायेगा।
भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थी। उन्होंने कहा कि विभाग को बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) द्वारा जारी नियमों के आधार पर बीमा करने के लिए कहा गया है। सरकार द्वारा इस संबंध में तीन बार भारतीय जीवन बीमा निगम को पत्र लिखे गये है और भारतीय जीवन बीमा निगम ने भी इसे गंभीरता से लिया है। विभाग भारतीय जीवन बीमा निगम से शीघ्र एमओयू करने जा रहा है और इसके लिए वित्त विभाग से स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि गत पांच 5 वर्षों से जो मानदेय कर्मी इस योजना से वंचित थे, उनको भी इस योजना से जोड़ा जा रहा है। राज्य भर में लगभग 6900 मानदेय कर्मियों को इस योजना से लाभांवित किया जाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से पहले तक बीमा योजना में 75 प्रतिशत बीमा अंशदान आंगनबाड़ी मानदेय कर्मियों द्वारा तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
इससे पहले विधायक शकुन्तला रावत के मूूल प्रश्न के जवाब में भूपेश ने बताया कि राज्य में आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत मानदेय कर्मियों के कल्याण के लिए सामूहिक बचत आधारित बीमा योजना में मानदेय कर्मियों द्वारा देय अंशदान को समाप्त किया जा चुका है तथा अब सम्पूर्ण अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अलवर जिले में सामूहिक बचत एवं बीमा योजना से 2910 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभान्वित हुए है।