अजमेर। राजस्थान आंगनबाडी कर्मचारी महासंघ संबंद्ध भारतीय मजदूर संघ राजस्थान प्रदेश के आहवान पर शुक्रवार को आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, सहायिका, मिनी आंगनबाडी, आशा सहयोगिनियों, ग्राम साथिन ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर अजमेर मुख्यालय पर रैली निकाली तथा अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
जिले भर से तेरह परियोजनाओं में कार्यरत आंगनबाडी से जुडे सैकडों कार्मिक सुबह आजाद पार्क में जमा हुए। जहां से रैली के रूप में जिला परिषद, पुराना आरपीएसएसी भवन, बस स्टेंड चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। हाथों में बीएमएस का झंडा थामे कार्मिक भारत माता की जय, राष्ट्र हित में करेंगे काम काम के लेंगे पूरे दाम, कौन बनाता हिन्दूस्तान भारत का मजदूर किसान जैसे नारे लगाते चल रहे थे।
कलेक्ट्रेट के बाहर रैली सभा में तब्दील हो गई। सभा को भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राजस्थान आंगनबाडी कर्मचारी संघ के प्रभारी भोलानाथ आचार्य, जिलाध्यक्ष ममता सेन, प्रदेश कोषाध्यक्ष कल्पना मिश्रा आदि ने संबोधित किया। सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि आंगनबाडी में कार्यरत सहायिका, मिनी आंगनबाडी, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक 18 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिलाया जाए।
तेरह सूत्रीय मांग पत्र में कहा गया कि मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ता को मुख्य आंगनबाडी केन्द्र के समान कार्यकर्ता का मानदेय दिया जाए। आशा कामियों को एक ही विभाग में समायोजित कराएं। केन्द्र द्वारा माह अक्टूबर 2018 से आशा सहयोगिनी के प्रोत्साहन राशि में बढोतरी की घोषणा की थी, उसके सभी प्रोत्साहन राशि के आदेश शीघ्र जारी कराते हुए एरियर का भुगतान कराया जाए।
इस बार बजट में ग्राम साथिन एवं आशा सहयोगिनियों के मानदेय में 200 रुपए प्रतिमाह बढोतरी की घोषणा की गई, जो महंगाई के दौर में कम है। इस पर पुन: विचार कर मानदेय में सम्मानजनक बढोतरी की जाए।
इसी तरह ग्राम साथिन को वर्दी के रूप में साडियां दिलाने के आदेश करावें साथ ही ग्राम पंचायत के गांव में जाने का यात्रा व्यय दिलाया जाए। किसी केन्द्र की कार्यकर्ता की सेवानिवृत होने पर यदि उसी केन्द्र पर कार्यरत सहायिका एवं आशा उस पद के योग्य हो तो उसे कार्यकर्ता बनाया जाए।
शिशु पालना ग्रह में काय करने वाली कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढोतरी हो साथ ही गरम पोषाहर, मानदेय व अन्य भुगतान प्रतिमाह समय पर कराया जाए।
विभाग की ओर से प्रदत्त मोबाइल फोन अक्सर खराब हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें रिपेयर कराने का खर्च विभाग उठाए। मानदेय कार्मिकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष तय होने के बाद भी जिला स्तर के अधिकारी उन्हें 60 साल की आयु में जबरन सेवामुक्त कर रहे हैं अत: सेवानिवृति की आयु 62 वर्ष मैंडेटरी की जाए।
कार्मिकों की जो बीमा राशि काटी जाती है वह सेवानिवृति के बाद नहीं दी जा रही है, ऐसी बकाया राशि दिलायी जाए तथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
केन्द्र सरकार द्वारा मानदेय कार्मियों की प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अन्तर्गत दुर्घटना एवं सामान्य बीमा योजना का प्रिमियम केन्द्र सरकार द्वारा वह करने का निर्णय लिया गया है। इस बीमा का लाभ मानदेय कार्मिकों को दिए जाने का राज्य सरकार भी परिपत्र जारी कर लाभ दिलाए।
इस अवसर पर बीएमएस जिलाध्यक्ष विनीत जैन, जिलामंत्री कानमल माली, सीएन शर्मा, दिलीप टांक, आंगनबाडी के निषि जैन, शारदा शर्मा, रेणु शर्मा, ज्योति, ललिता जांगिड, पूनम रायल, पूर्णिमा वर्मा, पपली देवी, चांद कंवर, इन्द्रा शर्मा, सीमा गुर्जर सहित अजमेर, किशनगढ, ब्यावर, मसूदा, केकडी, सरवाड, पीसांगन से बडी संख्या में आंगनबाडी कार्मिकों ने भाग लिया।