नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस के निशाने पर रहे रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने सौदे से संबंधित सभी जनहित याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय द्वारा आज खारिज कर दिए जाने पर शुक्रवार को कहा कि इससे पता चलता है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद, तथ्यहीन, राजनीति से प्रेरित थे।
अंबानी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राफेल सौदे से संबंधित सभी जनहित याचिकाओं को खारिज किए जाने से पता चलता है कि रिलायंस समूह और उन पर लगाए गए आरोप गलत थे। रिलायंस समूह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति बनी हुई है और हम रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘कौशल भारत’ जैसी नीतियों में अपना योगदान जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सौदे की प्रक्रिया की वैधता को चुनौती देने वाली सभी छह याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसे सौदे में कोई अनियमितता नजर नहीं आई। शीर्ष अदालत ने राफेल लड़ाकू विमान को देश की जरूरत बताते हुए याचिकाएं ठुकराईं।
न्यायमूर्ति गोगोई ने फैसला सुनते हुए कहा सितंबर 2016 में जब राफेल सौदे को अंतिम रूप दिया गया था, उस वक्त किसी ने खरीद प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाए थे। न्यायालय ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है।