जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक अनिता भदेल ने जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए लक्ष्य की प्राप्ति, वास्तविक आधार पर बजट की समीक्षा, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों को सुरक्षित रखने एवं शराब बंदी करने के मुद्दे उठाये।
भदेल ने अनुदान की मांग संख्या तीस जनजाति क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह मुद्दे उठाये। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए। सामाजिक न्याय से वंचित लोगों को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट की काल्पनिक आधार पर समीक्षा होती हैं इसलिए वास्तविक खर्च का सरकारों को पता नहीं होता और लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती। वास्तविक आधार पर बजट की समीक्षा की जाये और मुख्य सचिव स्तर पर प्रति माह बजट की समीक्षा होनी चाहिए कि कितना खर्च किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक जैसे अधिकारी रुचि नहीं दिखाते। जिला स्तर की समीक्षा, नियमित मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश स्तर का अधिकारी लगा होना चाहिए। इसके लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र का व्यक्ति गरीब परिवार से होने के कारण वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढाते हैं और स्कूलों में पूरे अध्यापक नहीं होने से जो पाठ्यक्रम पढाया जाता हैं उसके प्रति पूरा माहौल नहीं हैं। उन्होंने बालिकाओं के शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में बालिकाएं शिक्षा से महरुम हो गई। उन्होंने कहा कि स्कूलों में करीब तीस मामले सामने आये जिनमें अध्यापक द्वारा छेड़छाड़ एवं बलात्कार की घटनाएं घटित हुई।
भदेल ने कहा कि इन घटनाओं को रोका जाना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि स्कूलों को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने आरक्षण पर भर्ती और पदोन्नति भी आरक्षण में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ग के लोगों की संख्या के प्रतिशत के मुकाबले इतना लक्ष्य सरकारी योजनाओं में रखा जाये तो इनका काफी विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीएल विधवा की बेटियों की शादी के लिए योजना में परिवर्तन कर आठवीं पास को 21 हजार रुपए कर देना अच्छी बात हैं लेकिन पहले ग्रेजुएट करने पर 31 हजार रुपए दिये जाते थे। अब इस योजना में आठवीं पास के बाद ग्रेजुएट करने के प्रति प्रोत्साहित नहीं होगा जबकि इससे शिक्षा के प्रति हतोत्साहित किये जाने का काम होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को पुनर्गठित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराब बंदी कर दी जाये तो जनजाति क्षेत्र में शराब पीने से उनके परिवार में होने वाले परेशानियों से बचेंगे और शराब बंदी से उनकी कई समस्याएं समाप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पालनहार योजना में दिये जा रहे दो हजार रुपए को भी बढ़ाने की जरुरत हैं। उन्होंने जनजाति क्षेत्र की छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति देने की मांग भी की।