अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिले के सरवाड़ कस्बे में स्थित ख्वाजा फखरुद्दीन हसन चिश्ती ‘सरवाड़ी’ के सालाना उर्स पर भी कोरोना वायरस का साया पड़ गया है।
यहां 25 मार्च से चांद रात के चलते सालाना उर्स का झंडा चढ़ाया जाना है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जायरीनों की आवक बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिसके चलते उर्स की रौनक फीकी दिखाई अभी से दे रही है।
अजमेर दरगाह शरीफ की तरह सरवाड़ में भी तीन रजब से छह दिनों के लिए एवं बड़े कुल की रस्म के चलते नौ दिन तक पूरी शानो शौकत के साथ सालाना उर्स भरता है, जिसमें आशिकाना-ए-सरवाड़ी पूरे देश से शिरकत करने आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के खौफ के चलते केंद्र एवं राजस्थान सरकार द्वारा चार हफ्ते तक सतर्कता बरतने की हिदायत के बाद सरवाड़ शरीफ में जायरीनों के आने की संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो गई हैं।
सरवाड़ दरगाह शरीफ के सदर मोहम्मद यूसुफ ने आज बताया कि सरवाड़ दरगाह में कोरोना को लेकर पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरती जा रही है। बावजूद इसके सालाना उर्स के चलते परंपरागत तरीके से धार्मिक रस्मों का निर्वहन पूरी शिद्दत के साथ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि झंडा चढ़ाए जाने से लेकर बड़े कुल तक की सभी रसूमातों को पूरा किया जाएगा और अजमेर अंजुमन की ओर से हर वर्ष परंपरागत तरीके से चढ़ाई जाने वाली चादर भी चांद की पांच तारीख को पेश होगी।
हालांकि अंजुमन ने इस बारे में स्थिति साफ नहीं की है लेकिन माना जा रहा है कि अंजुमन भी अपनी ओर से इस धार्मिक परंपरा को हर साल की तरह निभाएंगी। सदर मोहम्मद युसूफ ने स्पष्ट किया है कि हम कोरोना को लेकर सरकार के साथ है और सरकार एवं प्रशासन की ओर से जैसी हिदायतें मिलेंगी, उसी अनुसार ही काम होगा, लेकिन धार्मिक रस्में पूरी की जाएंगी। उधर, सरवाड़ थाना पुलिस के सूत्र दबी जुबान में उर्स स्थगित होने की बात भी कह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सरवाड़ में ख्वाजा फखरुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भी विख्यात है और ये अजमेर वाले ख्वाजा साहब के रिश्ते में बड़े साहबजादे हैं। अजमेर में कोरोना वायरस को लेकर दरगाह शरीफ को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है और आस्ताने शरीफ पर धार्मिक रस्मों के लिए पुलिस की अनुमति से बीस खादिमों को जाने की अनुमति दी गई है।