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साजिश या समझदारीःभाजपा का एक और जिला परिषद सदस्य गायब, गुमशुदगी दर्ज - Sabguru News
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साजिश या समझदारीःभाजपा का एक और जिला परिषद सदस्य गायब, गुमशुदगी दर्ज

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साजिश या समझदारीःभाजपा का एक और जिला परिषद सदस्य गायब, गुमशुदगी दर्ज
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ मंगलवार को प्रस्तुत होने वाले अविश्वास प्रस्ताव से पहले एक और जिला परिषद सदस्य की गुमशुदगी रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज करवाई गई है। इस जिला परिषद सदस्य के हस्ताक्षर अविश्वास प्रस्ताव पर भी हैं। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके भाई ने रोहिड़ा थाने में दर्ज करवाई है।
रोहिड़ा थानाधिकारी भगवतसिंह ने बताया कि वालोरिया निवासी धनाराम चमनाराम गमेती की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके भाई ने दर्ज करवाई है। उसने बताया कि उसे ढूंढ़ने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि धनाराम गमेती भी उन सात जिला परिषद सदस्यों में शामिल है जिन्होंने जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था।

इसी दिन जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के स्थान पर कार्यवाहक जिला प्रमुख बनने की दावेदार भाजपा की जिला परिषद सदस्य गिरीजा कंवर की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी उनके पति ने कालन्द्री थाने में दर्ज करवाई थी।
-साजिश या अपना गला बचाने की कवायद
जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय जिला भाजपा के नेताओं के लिए भस्मासुर साबित हो गया। वैसे जिला भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की साजिश करारा देने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा के एक वायरल वीडियो और जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के समर्थकों के हस्ताक्षर अभियान में इसमें भाजपा के नेताओं के शामिल होने के जो आरोप लगाए हैं, उससे कांग्रेस पर दोष मढ़ने का खेल फेल होता दिख रहा है।

सूत्रों के अनुसार अब जिले में ही नहीं प्रदेश में भी इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा को कलंकित करने का यह काम भाजपा के नेताओं के इशारों पर किया जा रहा है। इसलिए इन गुमशुदगियों के पीछे एक वजह संदिग्ध नेताओं का अपना गला बचाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इससे दोहरा खेल खेलने की फिराक बताई जा रही है।

यदि जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो इनको यह बहाना मिलेगा कि ये लोग विपक्ष द्वारा पहले ही उठा लिए गए थे और यदि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला गुट इन पर अपने जिला परिषद सदस्य भेजने का दबाव बनाता है तो यह बहाना रहेगा कि वह लापता है और हमारी उन तक पहुंच नहीं है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के पक्ष में और खिलाफ मत पड़ने की सूरत में यह अपना गला छुड़ाने के प्रयास में हैं।