सहारनपुर। शिक्षा विभाग में अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी कर रही भावना यादव को सहारनपुर की जनकपुरी पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर रही सुरेन्द्र सिंह की पुत्री भावना यादव मैनपुरी में भैंसरोली क्षेत्र के भौगांव गांव निवासी है। उसने एक व्यक्ति पुष्पेंद्र सिंह को चार लाख रूपए देकर सहारनपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में संविदा पर पिछले वर्ष शिक्षा की नौकरी पाई थी। उसने एक लाख 28 हजार रूपए बतौर वेतन प्राप्त किया है। संविदा पर नियुक्त इस भावना यादव का मासिक वेतन 22 हजार प्रतिमाह था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पूरी जांच में जो सबसे महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है वो यह है कि इसकी नियुक्ति पत्र को इस शिक्षिका के बताए पते पर जब भेजा गया। डाक विभाग ने उस पत्र को यह कहकर शिक्षा विभाग सहारनपुर को लौटा दिया कि इस पर लिखा पता गलत है। इस पते पर अनामिका नामक कोई भी लड़की नहीं रहती है।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रमेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में जिला समन्वयक आदित्य शर्मा की कमी सामने आई है। आदित्य शर्मा ने डाक विभाग से वापस लौटे इस पत्र को छुपा लिया और दबाकर रख दिया। अनामिका शुक्ला नाम से भावना यादव की नियुक्ति जिलाधिकारी द्वारा गठित बोर्ड द्वारा की गई थी।
इस चयन समिति में बीएसए और राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य, खंड शिक्षाधिकारी और जिला कोर्डिनेटर शामिल थे। चयन समिति ने अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों को उचित मानते हुए उसको एक वर्ष की संविदा पर चयन कर लिया। जनकपुरी थाने के प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिरोही ने बताया कि पुलिस ने भावना यादव की गिरफ्तारी सहारनपुर में राकेश केमिकल फैक्टरी के पास से की है।
गौरतलब है कि अनामिका शुक्ला के नाम पर राज्यभर में 25 विद्यालयों में भर्ती शिक्षिकाओं द्वारा नियुक्ति पाने का प्रकरण पिछले हफ्ते उजागर हुआ था। प्रदेश में अभी तक तीन फर्जी शिक्षिकाएं गिरफ्तार की जा चुकी हैं और असली अनामिका शुक्ला ने गोंडा में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के समक्ष पेश होकर अपनी प्रमाणिकता साबित कर दी थी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षिका भर्ती का बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रदेश का पूरा शिक्षा विभाग ही कटघरे में आ खड़ा हुआ है।