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Another evidence revealed that sirohi police palng innocent tribal in murder case - Sabguru News
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सिरोही पुलिस ने लाडू देवी हत्याकांड में एक और निर्दोष को झूठा प्लान्ट किया, मिले पुख्ता सबूत

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सिरोही पुलिस ने लाडू देवी हत्याकांड में एक और निर्दोष को झूठा प्लान्ट किया, मिले पुख्ता सबूत
बाली उप कारागार प्रभारी द्वाराझाड़ोलीवीर के लाडू देवी हत्याकांड में बन्द गेमाराम के बाली जेल में होने के सम्बंध में सिरोही जिला कारागार के प्रभारी को लिखा पत्र।
बाली उप कारागार प्रभारी द्वाराझाड़ोलीवीर के लाडू देवी हत्याकांड में बन्द गेमाराम के बाली जेल में होने के सम्बंध में सिरोही जिला कारागार के प्रभारी को लिखा पत्र।
बाली उप कारागार प्रभारी द्वाराझाड़ोलीवीर के लाडू देवी हत्याकांड में बन्द गेमाराम के बाली जेल में होने के सम्बंध में सिरोही जिला कारागार के प्रभारी को लिखा पत्र।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। बरलूट थाने के झाडोली वीर गांव में 25 मई 2018 को हुए लाडूदेवी हत्याकांड के दूसरे आरोपी को भी लाखाराम देवासी की तरह फर्जी प्लांट करने की बात सामने आई है।

रविवार को सामाजिक अधिकारिता एवम न्याय मंत्री टीकाराम जूली के साथ सिरोही जिला कारागार के निरीक्षण के दौरान सिरोही जेल में बन्द दूसरा आरोपी भी सिरोही विधायक संयम लोढ़ा से मिला और उसने बताया कि लादूदेवी हत्याकांड में पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। हत्या वाले दिन वो बाली उप कारागृह में बन्द था। ये प्रकरण सामने आने के बाद लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर गलत तरीके से गिरफ्तार निर्दोष गेमाराम को भी दोषमुक्त करने के लिए सीआरपीसी 169 के तहत सिरोही न्यायालय में  प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अपील करते हुए गेमाराम को मुआवजा देने की मांग की है।

बरलूट थाने के झाडोली वीर गांव में 25 मई को लाडू देवी नाम की 70 वर्षीय वृद्धा की हत्या हुई थी। उसके पुत्र आंध्र प्रदेश में नौकरी करते थे। वृद्धा के साथ उसके नाबालिग पोते रहते थे।मृतका के पुत्र ने एफआईआर में बताया कि हत्या वाली रात को उसी गांव का लखमाराम देवासी अपने साथी के साथ उसके घर आया था। वो रात को उसके घर पर ही सोए थे। मृतका के पुत्र के शक के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की।

हत्याकांड के बाद विरोध प्रदर्शन होने लगे। इसके कारण राजनीतिक  दबाव में आई सिरोही पुलिस ने लखमाराम को गिरफ़्तार कर लिया। उसके साथ पाली जिले के नाणा थाना क्षेत्र के उपला भीमाणा निवासी गेमाराम गरासिया को भी गिरफ्तार किया। इस प्रकरण में संयम लोढ़ा ने प्रयास करके लखमाराम को तो जेल से छुड़वा लिया। लेकिन, रविवार को सिरोही जिला कारागार में दूसरे आरोपी गेमराम से भी निरीक्षण के दौरान मंत्री जूली और लोढ़ा की मुलाकात हो गई।
-घटना के दिन जेल में बन्द था गेमाराम
सिरोही जिला करागार में बन्द गेमाराम ने मंत्री टीकाराम जूली के सामने लोढ़ा को बताया कि 25 मई को जब लाडू देवी की हत्या हुई थी उंस दिन वो सादड़ी पुलिस थाने में दर्ज मामले में बाली उप कारागार में कैद था।गेमाराम की बातों की तस्दीक के लिए लोढ़ा ने मंत्री के माध्यम से बाली जेल से गेमाराम का रिकॉर्ड मंगवाया। जो रेकर्ड वहां से आया वो वाकई चौंकाने वाला और मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाने वाला था। पत्र के अनुसार सादड़ी थाने की एफआईआर नम्बर 18/18 पर सादड़ी के न्यायिक मजिस्ट्रेट के 2 अप्रैल को दिये आदेशानुसार गेमाराम गरासिया 2 अप्रैल 2018 से  29 मई 2018 तक बाली जेल में ही बन्द था लाडू देवी की हत्या 25 मई की रात को हुई थी। हत्या वाले दिन वो बाली जेल में ही था।
– झूठा फंसाने के स्पष्ट सबूत, अब धारीवाल कैसे कर पाएंगे शाब्दिक बचाव!
बाली जिला कारागार से मिले दस्तावेज विधानसभा में संयम लोढ़ा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से लखमाराम प्रकरण में पुलिस वालों के पक्ष में बयान देते हुए मंत्री शांति धारीवाल को पुलिस के खिलाफ सबसे पुख्ता सबूत दे देगा।

धारीवाल ने कहा था कि कई बार ऐसी गलती अनजाने में भी हो जाती है, लेकिन गेमाराम के मामले में सिरोही विधायक की उत्सुकता स्व जो सबूत सामने आए हैं उसमें निर्दोष को फंसाने की अनजानेपन की धारीवाल की दलील दम तोड़ती दिख रही है। इतना ही नहीं इस प्रकरण में आईओ से लेकर पुलिस अधीक्षक तक हर अधिकारी की भूमिका की भी पोल खोल देगा।

गेमराम हत्या वाले दिन जेल में बन्द था तो उसने सिरोही पुलिस को भी ये जानकारी दी होगी। बाली जेल से भेजे दस्तावेज स्पष्ट बता रहे हैं कि सिरोही पुलिस ने इसे नजरअंदाज करके ये तक जाने की कोशिश नहीं की कि गेमाराम हत्याकांड वाले दिन था कहाँ?

प्रकरण की जांच होने के बाद इसकी चार्जशीट पेश होने के लिए पुलिस उप अधीक्षक के हस्ताक्षर होते हैं, जो सभी पहलुओं की जांच करके केस के न्यायालय में फेल नहीं होने की तस्दीक के साथ इसे पेश करते हैं। क्राइम प्रकरणों की पुलिस अधीक्षक भी समीक्षा करते हैं। ऐसे में इन सभी की भूमिका की जांच जरूरी है। संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री ट्वीट के माध्यम से अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सिरोही पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की है।