अहमदाबाद। विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया को एक और झटका देते हुए गुजरात के चैरिटी कमिश्नर (धर्मादा आयुक्त) कार्यालय ने उनकी ओर से स्थापित एक विवादास्पद ट्रस्ट की मान्यता आज रद्द कर दी।
पिछले साल सांगठनिक चुनाव में हार के बाद अप्रेल में विहिप छोड़ कर अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद (अहिप) नाम से एक अलग संगठन बना लेने वाले तोगड़िया और मूल विहिप के बीच यहां पालडी इलाके में स्थित वणिकर भवन नाम की उस इमारत पर कब्जे को लेकर कानूनी लड़ाई जारी है जिसमें वर्षों तक विहिप का गुजरात मुख्यालय रहा है।
मूल रूप से गुजरात निवासी तोगड़िया और उनके समर्थकों की सदस्यता वाले विश्व हिन्दू परिषद (उत्तर गुजरात प्रांत) ट्रस्ट का गठन उनके ही कार्यकाल में किया गया था और वणिकर भवन के साथ भाड़ा करार आदि इसके साथ ही कर लिया गया था।
इसकी वैद्यता को चुनौती देते हुए यहां चैरिटी कमिश्नर कार्यालय का दरवाजा खटखटाने वाले विहिप की गुजरात इकाई के मौजूदा क्षेत्रीय मंत्री अशोक रावल ने यूएनआई से बातचीत में दावा किया कि तोगड़िया ने संगठन पर अपना व्यक्तिगत वर्चस्व बनाने के लिए तथा भवन पर कब्जा जमाये रखने के उद्देश्य से संगठन के बहुत से लोगों की जानकारी के बिना इस ट्रस्ट का गठन कर लिया था। अब इसकी मान्यता रद्द हो गई है।
उन्होंने कहा कि वणिकर भवन पर विहिप का हक है और इसको लेकर अदालत में चल रहीं लड़ाई भी वहीं जीतेगी। तोगड़िया खेमे ने इस भवन में अहिप और अपने राजनीतिक दल की गतिविधियां शुरू कर दी थी, जो पूरी तरह से नियम विरूद्ध था।
ज्ञातव्य है कि इस साल नौ फरवरी को उक्त भवन के पास विहिप के मूल कार्यकर्ताओं और तोगड़िया के समर्थकों के बीच तनातनी के बीच पुलिस तैनात करनी पड़ी थी।