नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़कर आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
सिंह ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और ज्योतिरादित्य सिंधिया, उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता हासिल की।
इस मौके पर सिंह ने कहा कि मैं 32 वर्षो तक कांग्रेस पार्टी में ईमानदारी, लगन और मेहनत से कार्य करता रहा, लेकिन जिस पार्टी में इतने समय तक रहा, अब पार्टी वैसी नहीं रह गई और न ही उस पार्टी की वैसी सोच रह गई है। काफी समय से तमाम लोग मुझसे कहते थे कि आपको भाजपा में जाना चाहिए।बहुत समय तक मैंने सोचा, अंत में यही कह सकता हूं कि देर आए, दुरुस्त आए।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र निर्माण में जो कार्य हो रहे हैं उसे देश सराह रहा है। उन्होंने कहा पांच वर्षों में डबल इंजिन की सरकार में लोगों ने उत्तर प्रदेश में कई योजनाओं को ज़मीन पर सफल होते देखा है। कानून-व्यवस्था भी राज्य में बहुत अच्छी हुई है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि छोटे से कार्यकर्ता के रूप में उत्तर प्रदेश और देश के निर्माण में जो भी दायित्व भाजपा देगी उसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सिंह ने आज ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। वह गांधी परिवार के करीबी थे इसलिए कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। सिंह उत्तर प्रदेश से कई बार विधायक रहे और कुशीनगर सीट से सांसद और कांग्रेस नेतृत्व की पिछली सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भी रहे। उनके पिता सीपीएन सिंह भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय रहे हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरपीएन सिंह के त्यागपत्र पर आतिशबाजी कर मनाई खुशियां
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आरपीएन सिंह के त्यागपत्र की घोषणा पर रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस भवन में पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने आतीशबाजी कर और मिठाईयां बांट कर खुशियां मनाई।
सिंह के त्यागपत्र पर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद समेत अन्य नेताओं पर उनपर राज्य में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का गंभीर आरोप लगाया। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी आरपीएन सिंह के त्यागपत्र को गलत फैसला बताया।
कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि पिछल एक साल से ज्यादा से बीजेपी के साथ सांठ-गांठ कर आरपीएन सिंह झारखंड की कांग्रेस-जेएमएम सरकार को अपदस्थ कराने की कोशिश कर रहे थे। पार्टी नेतृत्व को लगातार इस बारे में आगाह भी किया गया था।
उन्होंने कहा कि आरपीएन सिंह के बीजेपी जाने से झारखंड का हर सच्चा कांग्रेसी खुश है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पार्टी के सभी नेता-कार्यकर्ता उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दूत के रूप में देखते थे, जिसके कारण उनकी हर ज्यादती और अपमान सहते रहे।
आरपीएन सिंह ने आलाकमान को बरगलाकर प्रदेश में मनमाफिक एक कमजोर संगठन के मार्फत राज्य में गठबंधन सरकार को गिराने तक की कोशिश की, इसे लेकर उन्होंने अपने कुछ चहेते नेताओं की ओर से बयान भी दिलाया, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
इधर झारखंड कांग्रेस के साथ प्रभारी रहे उमंग सिंघार ने भी आरपीएन सिंह के भाजपा में जाने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महाराजा के बाद राजा का भी पलायन हो गया।
दूसरी तरफ भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने कांग्रेस विधायकों और अन्य नेताओं पर सरकार को अस्थिर करने के लगाए गए आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा झारखंड में गठबंधन सरकार गठन में उनकी भूमिका को सभी जानते है, वे किसी के बारे में कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करना चाहते।
राजधानी रांची में कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन के बाहर आतिशबाजी कर आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने पर खुशी जताई। वहीं आरपीएन सिंह के कुछ करीबी कांग्रेस नेताओं ने चुप्पी साध ली।
इधर, आरपीएन सिंह के करीबी रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि यह दुखद है, लेकिन कई प्रभारी आते है, चले जाते है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि आरपीएन सिंह ने सोच समझकर यह फैसला लिया होगा। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के एक सच्चे सिपाही हैं, वे कांग्रेस में ही रहेंगे और यही मरेंगे, उनका मानना है कि आरपीएन सिंह का यह फैसला गलत है।