लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटाघर में पिछले दो महीने से जारी धरना प्रदर्शन कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सोमवार को स्थगित कर दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार की अगुवाई में आला अधिकारियों का दल रविवार से ही आंदोलनकारी महिलाओं को समझाने में लगा था जिसका असर आज सुबह छह बजे दिखाई दिया जब महिलाओं ने धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम कोरोना के खतरे के टलने तक स्थगित करने की हामी भरी।
उन्होंने बताया कि आंदोलनकारी महिलाएं हालांकि अपना दुपट्टा धरना स्थल पर सांकेतिक विरोध के तौर पर छोड़ कर गई। पुलिस ने सभी महिलाओं को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा दिया है।
गौरतलब है कि सीएए और एनआरसी के विरोध में घंटाघर में महिलाएं पिछली 17 जनवरी से डटी हुई थी। दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर यह धरना कोरोना से निपटने की सरकार की मुहिम पर बाधा बन रहा था और यही कारण था कि पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी आंदोलनकारियों से संपर्क साधे हुए थे।