अजमेर। पंच तत्वों से निर्मित मानव शरीर को पंचगव्य संतुलित रखता है। आज से 200 साल पहले जब हर घर में गाय पाली जाती थी तब किसी अस्पताल की आवश्यकता नहीं थी। गाय के दूध में उपस्थित स्वर्ण तत्व, इसका चौबीस घण्टे प्राणवायु देना आदि अनेक वैज्ञानिक गुणों के कारण ही इसे भारत में माता का दर्जा दिया गया है।
वेदों में गाय को विश्व की माता कहा गया, वहीं मुहम्मद साहब ने कहा है कि गाय का दूध, दही, घी शफा है जबकि गाय का मांस बीमारी है। यह बात प्रसिद्ध गौ कथावाचक मोहम्मद फैज खान ने गुरुवार को पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को गौ माता का महत्व बताते हुए कही।
समाज मे ऊंच नीच का विरोध करते हुए उन्होंने कहा की सफाई करने वाले नहीं बल्कि किसी भी प्रकार की गंदगी समाज मे फैलाने वाले ही अछूत होने चाहिए।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ है इसीलिए भगवान राम, आद्य शंकराचार्य से लेकर महात्मा गांधी तक ने इसकी परिक्रमा कर अपने जीवन मे समाधान प्राप्त किया।
कार्यक्रम के अंत मे धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रधानाचार्य भुपेन्द्र उबाना ने कहा कि मोहम्मद फ़ैज़ जैसे लोग भारत की आत्मा की सच्ची अनुभूति कराते हैं। पूजा पद्धति का अंतर भारत की आत्मा को कमजोर नही कर सकता। कार्यक्रम के दौरान विजय दिवाकर, हबीबुर्रहमान, नवीन सहित सभी आचार्य उपस्थित रहे।