जालंधर। पंजाब में जालंधर की जिला एवं सत्र अदालत ने बुधवार को पंजाबी गायक गुरदास मान की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया। सिख भावनाओं को आहत करने के एक मामले में सिख संगठन अब उनकी गिरफ़्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
पिछले महीने डेरा बाबा मुराद शाह में मेले के दौरान गायक गुरदास मान ने डेरे के गद्दीनशीन रहे लाडी शाह को सिख गुरू श्री गुरु अमरदास जी का वंशज बताया था। जिसके लिए सिख संगठनों ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज करा दिया।
इस मामले में मान ने जिला एवं सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। मंगलवार को भी अदालत के बाहर भी सिख जत्थेबंदियों का भारी जमावड़ा रहा। सुनवाई के दौरान सिख संगठनों के वकील परमिंदर सिंह ढींगरा व रविंदर सिंह ने कहा कि गुरदास मान की टिप्पणी से भावनाओं को ठेस पहुंची है।
मान अगर बाहर रहे तो उससे लोगों की नाराजगी बढ़ सकती है और पंजाब का माहौल खराब हो सकता है। इसलिए उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया जाए। मान के वकीलों ने तर्क दिया कि गुरदास मान ने अज्ञानतावश यह बात कह दी। इसके बाद वह हाथ जोड़कर और कान पकड़कर माफी मांग चुके हैं।
सिख संगठनों ने गुरदास मान के पेशी पर आने के दौरान विरोध का एलान किया था। इसे देखते हुए कोर्ट कांप्लेक्स के बाहर कड़ी सुरक्षा रही। भारी संख्या में पुलिस बल यहां तैनात किया गया था, ताकि कोर्ट की गरिमा को कोई ठेस न पहुंचे।
दूसरी ओर गुरदास मान के समर्थन में बाबा मुराद शाह जी डेरे के भक्तों ने सिख जत्थेबंदियों के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सिख जत्थेबंदियों के कुछ सदस्यों ने डेरा प्रमुख साईं लाडी शाह जी के खिलाफ अपशब्द कहे हैं। इसलिए उन सिखों पर भी कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।