दोहा भारत की अनु रानी ने सराहनीय प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक स्पर्धा में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर विश्व एथलेटिक्स प्रतियोगिता की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई लेकिन मंगलवार को फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए वह आठवें स्थान पर रहीं।
अनु ने क्वालीफिकेशन राउंड में अपने ग्रुप ए में 62.43 मीटर की थ्रो फेंक कर अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था लेकिन वह फाइनल में अपने इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकीं और 12 एथलीटों में आठवें स्थान पर रह गयीं। अनु की फाइनल में सर्वश्रेष्ठ थ्रो 61.12 मीटर रही। वैसे अनु यदि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दोहरा भी देतीं तो भी उन्हें सातवां स्थान ही मिलता।
विश्व चैंपियनशिप में भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी अनु ने पहले प्रयास में 59.25 मीटर, दूसरे प्रयास में 61.12 मीटर, तीसरे प्रयास में 60.20 मीटर, चौथे प्रयास में 60.40 मीटर, पांचवें प्रयास में 58.49 मीटर और छठे प्रयास में 57.93 मीटर तक भाला फेंक सकीं।
ऑस्ट्रेलिया की कैसी ली बारबर ने 66.56 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण जीता। चीन की शियिंग लियू को 65.88 मीटर के साथ रजत और चीन की ही हुईहुई लियू को 65.49 मीटर की थ्रो के साथ कांस्य पदक मिला।
इससे पहले अनु ने क्वालीफिकेशन राउंड में अपने ग्रुप ए में 57.05 मीटर की थ्रो के साथ शुरुआत की थी। उन्होंने अगली थ्रो 62.43 मीटर फेंककर 62.34 मीटर का अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया था जो इस साल मार्च में उन्होंने पटियाला में फेडरेशन कप में बनाया था। उनकी तीसरी थ्रो 60.50 मीटर की थी। वह अपने ग्रुप में एशियाई खेलों की चैंपियन चीन की लियू शी यिंग (63.48 मीटर) और स्लोवेनिया की रातेज मार्टिना (62.87 मीटर) के बाद तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
ग्रुप बी के क्वालीफिकेशन पूरे होने के बाद अनु रानी ने ओवरऑल पांचवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। इस स्पर्धा में क्वालीफिकेशन के लिए 63.50 मीटर का न्यूनतम मापदंड या फिर 12 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रखा गया था।
दोनों ग्रुप के क्वालीफिकेशन पूरे होने के बाद चीन की हुईहुई लियू 67.27 मीटर के साथ सबसे आगे रहीं। अनु रानी के ऊपर तीन अन्य सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 65.29 मीटर, 63.48 मीटर और 62.87 मीटर थे। लेकिन फाइनल में अनु ने काफी निराश किया