साल 2019 के लोकसभा और ओडिशा विधानसभा के चुनावों से पहले ये भाजपा का बड़ा कदम माना जा रहा है। अपराजिता, साल 2006 से 2009 तक भुवनेश्वर नगर निगम की कमिश्नर रह चुकी हैं।
वह अपने कामों के कारण जनता के बीच में भी खासी लोकप्रिय हैं। पार्टी भुवनेश्वर लोकसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़वा सकती है। संभावना ये भी है कि पार्टी उन्हें भुवनेश्वर की तीन विधानसभा सीट में से किसी एक से उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दे।
जाइये अपराजिता के बारे में :-
- अपराजिता बिहार की रहने वाली हैं।
- उन्होंने अपने साथ पढ़ने वाले संतोष सारंगी से शादी की है।
- संतोष सारंगी, वर्तमान में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव तैनात हैं।
- अपराजिता ने ओडिशा सरकार में अपने कामकाज के दौरान कई विभागों जैसे स्कूल और लोक शिक्षा, उच्च शिक्षा, कपड़ा और हस्तशिल्प और पंचायती राज जैसे विभागों में सचिव के पद पर रहकर महत्वपूर्ण काम किया है।
साल 2013 में, अपराजिता सारंगी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आ चुकी है। उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग में बतौर संयुक्त सचिव मनरेगा योजना पर भी काम कर चुके है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उनका पांच साल का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो गया था। इसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था।
अपराजिता के भाजपा में शामिल होने पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने मिली—जुली प्रतिक्रिया दी है। बातचीत में केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री जुआल ओराम ने कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने से सकारात्मक संदेश गया है। इससे पार्टी को ओडिशा में लाभ मिलेगा। वह हमारे लिए धरोहर की तरह हैं।