वाशिंगटन। चीन में सरकारी कर्मचारियों पर आईफोन का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाए जाने की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी एप्पल के शेयरों में लगातार दूसरे दिन गिरावट आई है। पिछले दो दिनों में कंपनी के शेयर बाजार मूल्यांकन में 06 फीसदी से अधिक या लगभग 200 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
चीन प्रौद्योगिकी दिग्गज का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है, जिसका पिछले साल के कुल राजस्व में 18 प्रतिशत हिस्सा था। चीन में एप्पल के अधिकांश उत्पाद उसके सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन द्वारा निर्मित किए जाते हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने बुधवार को बताया कि चीन ने केंद्रीय सरकारी एजेंसी के अधिकारियों को कार्यालय में आईफोन नहीं लाने या काम के लिए उनका इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया है। अगले दिन ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया कि प्रतिबंध राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों और सरकार समर्थित एजेंसियों के श्रमिकों पर भी लगाया जा सकता है।
सूत्रों ने डब्ल्यूएसजे को बताया कि आईफोन का उपयोग न करने के निर्देश अधिकारियों को उनके वरिष्ठों द्वारा हाल के सप्ताहों में दिए गए थे। अन्य विदेशी ब्रांड वाले उपकरणों पर भी प्रतिबंध लगाए गए। अखबार का कहना है कि कुछ एजेंसियों में पहले से ही आईफोन पर प्रतिबंध लगा हुआ था। लेकिन उसके सूत्रों ने सुझाव दिया कि अब इसे बढ़ा दिया गया है।
यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन निर्देशों को चीनी अधिकारियों के माध्यम से कितने व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है। ये रिपोर्टें आईफोन 15 के लॉन्च से पहले आईं, जो 12 सितंबर को होने की उम्मीद है।
चीनी सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कहा कि वे सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के लिए काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सितंबर के अंत तक एप्पल उपकरणों का उपयोग बंद करने के लिए कहा गया है।
चीन एप्पल के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और देश में आईफोन का उत्पादन होता है, हालांकि हाल ही में एप्पल ने भारत में उत्पादन बढ़ाया है। रिपोर्टों के जवाब में चीनी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एप्पल ने टिप्पणी के लिए बीबीसी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि शेयर बाजार मूल्यांकन दुनिया में सबसे अधिक है, जो लगभग 2.8 खरब डॉलर है। एप्पल के शेयरों में गिरावट के साथ-साथ, इसके कुछ आपूर्तिकर्ताओं के शेयरों पर भी असर पड़ा।