भोपाल। कुछ संगठनों द्वारा आरक्षण के खिलाफ आज भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर राजधानी भोपाल समेत संपूर्ण मध्यप्रदेश में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। बंद का बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। सीधी जिला मुख्यालय में पुलिस और वकीलों की भिड़ंत हो गई। इसमें पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस छोड़नी पड़ी। इसके अलावा पूरे प्रदेश में कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
हाल में 2 अप्रेल को दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान कुछ जिलों में हिंसा हुई थी, वहां पर विशेष ऐहतियाती कदम उठाए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए राजधानी भोपाल और अन्य स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
चंबल और ग्वालियर संभाग में कुछ नगरों में ऐहतियातन कर्फ्यू लगाया गया और राजधानी भोपाल समेत विभिन्न शहरों तथा नगरों में निषेधाज्ञा लागू की गई थी।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), गुप्त वार्ता मकरंद देउस्कर ने मंगलवार शाम भोपाल में मीडिया को बताया कि सीधी में कुछ वकीलों सहित अन्य लोग कलेक्टोरेट के पास अंबेडकर प्रतिमा के नजदीक एकत्र थे। पहले वे ज्ञापन देने की बात कह रहे थे, लेकिन बाद में रैली निकालने की मांग करने लगे। उन्हें अनुमति नहीं दी गई, तो उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। बाद में आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया गया। इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
देउस्कर ने बताया कि सीधी के अलावा कहीं किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। बंद के लिए किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसे लेकर सक्रिय थे। उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। उन पर उचित कार्रवाई होगी।
भोपाल में ऐहतियातन निषेधाज्ञा लागू होने के बीच जनजीवन सामान्य रहा। स्कूल-कॉलेज खुले रहे, लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति अन्य दिनों की अपेक्षा कम थी। सुरक्षा के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के एक-एक हजार के बल के साथ स्थानीय पुलिस के चार हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। इसी तरह इंदौर में भी जनजीवन सामान्य रहा, वहां भी आज निषेधाज्ञा लागू है।
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। इन इलाकों में 2 अप्रैल के बंद के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। भिंड में अाज कर्फ्यू लगा था, हालांकि शांति को देखते हुए वहां शाम छह बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है।
भिंड जिले के मेहगांव में सुबह आठ बजे से ही कर्फ्यू लगा दिया गया था। जिले के स्कूल-कॉलेज, बैंक, सरकारी कार्यालय बंद रहे। जिले में इंटरनेट सेवाएं कल रात से ही 48 घंटे के लिए बंद कर दी गई थीं। सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
मुरैना में भी आज कर्फ्यू लगा रहा, वहां शाम को छह बजे से रात नौ बजे तक कर्फ्यू में छूट दी गई। इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। जगह-जगह पुलिस की गश्त चलती रही। ग्वालियर में निषेधाज्ञा लागू रही और स्कूल कॉलेज खुले हुए थे। श्योपुर जिले में भी धारा 144 लागू रही। इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहीं।
राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह स्वयं राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए थे। बंद का आह्वान सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे मैसेज के आधार पर कुछ संगठनों की ओर से किया गया था। हालांकि अभी तक कोई नेता सामने नहीं आया है।