नई दिल्ली। अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के निपटारे के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त मध्यस्थता समिति ने शीर्ष अदालत में गुरुवार को स्थिति रिपोर्ट सौंप दी।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय समिति ने सील बंद लिफाफे में मध्यस्थता में हुई प्रगति के बारे में रिपोर्ट सौंपी।
इसी रिपोर्ट के आधार पर शीर्ष अदालत यह तय करेगी कि अयोध्या के विवादित जमीन मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखी जाएगी या इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई शुरू होगी।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ करेगी। न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि मध्यस्थता रिपोर्ट मीडिया में न तो प्रकाशित होगी, न प्रसारित।