सबगुरु न्यूज-सिरोही। बस सोचिए, यदि किसी व्यक्ति का एक कान छोटा हो एक बड़ा, एक आंख छोटी हो दूसरी बड़ी या एक हाथ छोटा हो दूसरा बड़ा। उसे दिव्यांगता की श्रेणी में रखा जाएगा। लेकिन, इसी तरह की विरूपता मानव निर्मित हो तो उसे भी सौंदर्य और खूबसूरती की श्रेणी में तो नहीं रखा जा सकता।
मसलन यदि आधी तरफ की मूंछें तलवार कट हो और शेष आधी नत्थूलाल जैसी तो ऐसा व्यक्ति हंसी का पात्र ज्यादा लगेगा। सिरोही नगर परिषद फिलहाल पैलेस रोड को ऐसा ही कुरूप कर रही है। ये स्थिति तब भी यथावत है जब सिरोही विधायक संयम लोढ़ा और जिला कलक्टर सुरेन्द्रकुमार सोलंकी हेरीटेज वाक पर इसी मार्ग से निकल चुके हैं।
इस मार्ग के ये रूप तब दिया जा रहा है जबकि सिरोही विधायक के विजन डॉक्यूमेंट की लाइब्रेरी, पुराना भवन विद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, सरकेएम स्कूल जैसी सभी हेरीटेज इमारतें इसी मार्ग पर अवस्थित हैं।
-यूं हो रहा है सौंदर्यीकरण के नाम पर अत्याचार
इंजीनियरिंग की खासियत होती है सीमेट्री यानी एकरूपता। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आज के निर्माण तक एकरूपता सिविल इंजीनियरिंग और आर्कीटेक्चर की विशेषता रही है। सिंधु, मुगल, राजपूत और अंग्रेजों की स्थापत्य कला में इस सीमेट्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बस एक सिरोही नगर परिषद के इंजीनियरों को इंजीनियरिंग की इस विधा से कोई सरोकार नहीं है। पहले पैलेस रोड के दोनों तरफ फुटपाथ की चौड़ाई समान थी। यही सीमेट्री या एकरूपता इसे और खूबसूरत बनाती थी।
विधायक संयम लोढ़ा के मार्गदर्शन में बने वर्तमान बोर्ड द्वारा यही एकरूपता बिगाडक़र पैलेस रोड को विरूपित करने का काम शुरू कर दिया गया है। सौंदर्यीकरण के नाम पर यहां पर ट्रोमा सेंटर की तरफ के फुटपाथ की चौड़ाई महाविद्यालय के विज्ञान परिसर के फुटपाथ की चौड़ाई से आधे से भी कम कर दिया गया है। ऐसा करके सिरोही नगर परिषद के इंजीनियरों ने जहां आर्किटेक्चरल सौंदर्य के साथ-साथ स्थानीय लोगों की एक सुविधा छीनने की तैयारी भी कर ली है।
-सौंदर्य के नाम पर सिरोही पर अत्याचार भी
पैलेस रोड एक तरह से सिरोही का वॉक-वे है। सर्दियों के कारण फिलहाल यहां पर शाम को रौनक कम हो जाती है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही सूरज ढलते ही यह जॉगर्स रोड बन जाता है। यहां पर लगी कुर्सियों पर लोग देर रात तक बैठते हैं। बातें करते हैं।
इन कुर्सियों के लगने के बाद भी यहां इतनी जगह बचती है कि मॉर्निंग और इवनिंग वाक करने वाले निकल भी जाएं और यहां पर वाहन पार्क भी किया हो जाए। नगर परिषद के उत्कृष्ट डिजायनरों ने सिर्फ इस सडक़ को ही बदहाल नहीं किया है बल्कि सिरोही के लोगों के बैठने और चलने की सुविधा भी छीनने की तैयारी कर ली है।
ट्रोमा सेंटर की तरफ के फुटपाथ को इतना भी नहीं छोड़ा है कि कुर्सी लगने के बाद कोई यहां पर पैदल निकल सके। एक तरह से सिरोहीवासियों को नगर परिषद ने फुटपाथ की जगह सडक़ पर दौड़ते वाहनों की चपेट में आने के लिए मजबूर कर दिया है। जैसे इस मार्ग के अहिंसा सर्किल से तीन बत्ती तक के मार्ग को गौरव मार्ग की जगह धिक्कार मार्ग में तब्दील करने का पूर्व विधायक और सभापति पर फूटता है वैसे ही अहिंसा सर्किल से सर केएम स्कूल मार्ग को बदहाल होने के ताने ढोने से वर्तमान विधायक और सभापति भी नहीं बच पाएंगे।
वैसे नगर परिषद के अधिकारी इस काम को भाजपा शासनकाल में पास हुआ बता रहे हैं, लेकिन इस सत्य को नकारा नहीं जा सकता कि भाजपा के विजनलेस विकास के कारण उसे हटाया गया। कांग्रेस का बोर्ड उसकी गलतियां सुधारने के लिए बना न कि उसी गलत पदचिन्हों पर पांव रखकर आगे बढने के लिए।